हमारे दिल पे वो, पहरा लगाकर भाग जाता है।
मिरा हमदम भला क्यूँ, रात दिन मुझको सताता है। गवाही दे रहे हैं चाँद तारे फूल शबनम सब
बसा है आँख में, वो ही हमेशा याद आता है।
- Nidhhi Guuptaa❤️-
मैं नहीं चाहती, कि कत्ल का इल्ज़ाम तुम पर हो।
बस इतना करो, ज़हर का इंतज़ाम तुम कर दो।
- Kashiish❤️ - 23 May 2020
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ख़ुशियों के इस पावन दिन,कोई राह न तकता रह जाए।
बरकत वाली दीवाली, कोई घर न बिलखता रह जाये।।
चाहे जितना जश्न मनाना, पर इतना भी ख़याल रहे ।
किसी सड़क बचपन, कोई न दिए बेंचता रह जाए ।।
Nidhi Gupta-
मोहब्बत में इबादत का, तू हर अंदाज़ बन जाना।
वो बीता था कभी मुझपर, तू मेरा आज बन जाना।।
मैं वीणा की वो तारें हूँ, जिसे तुम गुनगुनाते हो।
अग़र छेड़ूँ मैं सुर कोई, तू मेरा साज़ बन जाना।।
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कोई जाए उस, नादान को समझाए ज़रा,
इंसान की पहचान, उसके किरदार में होती है।
कुछ नादान हैं, ख़ुदको खुदा माने हुए हैं,
जबकि सुनवाई तो सिर्फ़, ख़ुदा के दरबार में होती है।।
- Nidhi Guptra❤️-
कुछ अनकहे आख़र, अल्फ़ाज़ की है।
बात बात की नहीं, बात जज़्बात की है।।
Nidhi Guptta-
जितना कमाया है उसे, इश्क़ में बेपनाह खोकर देख।
जितनी परवाह करता है, उतना बेपरवाह होकर देख।।
- Nidhi Guptta-
क्यों इतनी आसानी से मान जाते हो।
पिया कभी तो तबियत से रूठा करो। - Nidhi Guptta❤️-
बहुत ख़ुदग़र्ज़ लफ़्ज़ हैं मेरे,बड़ी
ज़िम्मेदारी से ख़ामोश रहते हैं ।
- Nidhi Guptta-
शौर्य का प्रमाण हूँ, मैं वीरता की शान हूँ।
हूँ कालजयी योद्धा, मैं धैर्यता की तान हूँ।।
डर नहीं, न खौफ़ है, बाज़ुओं में जोश है,
हार नहीं मानता, माँ भारती की आन हूँ।।
सौ गीदडों से घिरा, मुख से टपकता रक्त।
छप्पन इंच का सीना,मज़बूत इरादा सख़्त।।
शेर की दहाड़ सा, प्राण गर्जना लिए हुए,
शहीदों का सम्मान,देशवासियों की जान हूँ।।
नतमस्तक न होना सीखा, करे दुश्मन भी जिसका वंदन।
आओ सब शीश झुकाकर, करें अभिनदंन का अभिनंदन।।
निधि गुप्ता-