Nidhi Gautam   (Inkedbysoul)
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Joined 5 April 2019


Joined 5 April 2019
26 MAR AT 5:01

महुआ, टेसू, अबीर, गुलाल!!!
तेरे आने से कुछ ज़्यादा महके इस साल!!!!
फागुन ज्यो सब मौसम ले आया,
तेरे आने से कुछ ज़्यादा गुलाबी हुई गुलाल!!!!

#inkedbysoul

#happyhappyholi२०२४ #firstholiwithourdoll😘

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12 NOV 2023 AT 8:26

दिया मिट्टी का ही रहने दो!!
कपास, तरल में-
अग्नि बनके बहने दो!!
दिया मिट्टी का ही रहने दो!!

घर के किवाड़ पे हो-
रात अमावस की हैं, इक आड़ पे हो!!
लौ चाहे पीली या लाल रहे-
अंधेरे का बुरा हाल रहे!!!
मन को अबकी रोशनी के गहने दो!
दिया मिट्टी का ही रहने दो!!

“शुभ दीपावली” २०२३


Gautam & Nidhi

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8 MAR 2023 AT 10:14


फागुन.. … ….

छिपा रखी है मैंने
पिछले होली की गुलाल…
सुनो तो सही,
इस होली इश्क़ का शगुन हो जाए!!
आऔ कि, मेरा भी फागुन हो जाए!!!

हाल हो ऐसा कि हर हाल में गुलाल रहे,
तुम आऔ अबकी बारी, कि कोई न मलाल रहे,
कि एक हम दोनों की धुन हो जाए!!
…मेरा भी फागुन हो जाए!!

रंग हो ऐसा कि हर रंग में तेरा रंग रहे,
संग हो ऐसा ज्यों राधा कृष्ण का संग रहे,
कि इक सब रंगों के गुन हो जाए!!!
.. …… तुम आऔ कि फागुन हो जाए!!!

होश न हो न ही बेहोश रहे
मिलना यूँ कि रंगों का भी न दोश रहे,
गली मोहल्ले अबीर से सुन हो जाए!!!!
आऔ कि अबकी फागुन हो जाए!!!!

निधि गौतम

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25 OCT 2022 AT 23:05


“दिये” और “लौ” की कुछ आपसी हो जाए…
हर “राम” की घर वापसी हो जाए…..
क्योंकि, रौनक़ त्योहारों की अपनों के होने से है॥

मेरी दिवाली इक बस तेरे होने से है।।
इक छोटा सा घर, घर के हर कोने से है।।

निधि

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24 OCT 2022 AT 4:08

एक हिस्सा रोशनी का, चलो अँधेरे को दे आए।।।
एक हिस्सा रोशनी का, चलो अपने घर ले आए।।।
दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।।


✨ शुभ दीपावली ✨

❤️Gautam and Nidhi❤️

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26 SEP 2022 AT 11:02


गुड़हल के रंग मेहंदी में उतर आए हैं, सखी!!!
बादल एक मुट्ठी सावन घर लाए हैं, सखी!!!

Syaahii

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31 MAR 2022 AT 8:52



वो कहता है…”मेहंदी लगाना पसंद है”

गुलाब पर ओस का,
ठहर जाना पसंद है!!

गुजरती उम्रों में,
वो गुज़रा ज़माना पसंद है!!

वो कहता है मेरी वाली को,
मेहंदी लगाना पसंद है!!!

तेज धूप में चेहरे को,
दुपट्टे से छिपाना पसंद हे!!

बारिश के मौसम में,
बस चाय का ठिकाना पसंद है!!

बेमानी सी बातों पे,खुद रूठ कर-
मान जाना पसंद है!!

वो कहता है मेरी वाली को,
मेहंदी लगाना पसंद है!!!

उसे, मेरी पसंद के झुमके में,
गलियों में इठलाना पसंद है!!

काँच की चूड़ियाँ,
माथे पे बिंदी लगाना पसंद है!!

वो कहता है मेरी वाली को,
मेहंदी लगाना पसंद है!!!

सिंगार के नाम पर,
और साधारण हो जाना पसंद है!

आँख देर से खुले तो,गीले-उलझे बालों में,
आफिस जाना पसंद है!!

वो कहता है मेरी वाली को,
मेहंदी लगाना पसंद है!!

#hisdiary

~निधि

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23 MAR 2022 AT 23:41


फिरसे मुझको “बच्चा” कर दो!!

मज़बूत दीवारें घर की मेरी,
इनको फिरसे, “कच्चा” कर दो!!
अलमारी से मिले खिलौने,
फिरसे मुझको “बच्चा” कर दो!!

नंगे पाँव, भरी दोपहरी,
उस “मोहल्ले” को ज़िंदा कर दो!!
बिना कैमरे मैदानों में,
मन, खुला “परिंदा” कर दो!!!

बड़े शहरों के छोटे दिन,
पुराने “गाँव” को सच्चा कर दो!!!
अलमारी से मिले खिलौने,
फिरसे मुझको “बच्चा” कर दो!!

भूख मिटाने वाला “डब्बा”,
कीचड़ में “बस्ता” गंदा कर दो!!
“गणित” कठिन है जीवन की,
थोड़ा आसान ये “धंधा” कर दो!!!

फिर ले आओ गर्मी का “इतवार”-
छत पे सोना “अच्छा” कर दो!!!
अलमारी से मिले खिलौने,
फिरसे मुझको “बच्चा” कर दो!!


-निधि

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19 MAR 2022 AT 18:31

रद्दी बिकती नही बाज़ारों में-
घर पे अख़बार नहीं आता!!
Weekend gateways के जमाने में-
वो इतवार नहीं आता!!

-निधि

-Inkedbysoul

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18 MAR 2022 AT 2:01

रंगरेज़ दिल!!!
फिर क्यूँ, रंगों से परहेज़ दिल!!!
तपिश बदन पे और पलकें भारी क्यूँ ?
ख्वाबों पे तेरे नींदों की पहरेदारी क्यूँ ??
मंजर न खोज जिसमें ख्वाब पूरे हो तेरे-
जा खुद हकीकत मे ख्वाबो से मिल!!!

रंगरेज़ दिल!!!
फिर क्यूँ, रंगों से परहेज़ दिल!!!

रगों की कायनात तुझसे कहती कुछ!!
खुद एक नदी, फिर भी सागर तक तू बहती कुछ!!
नमक खोजती तू जीवन के पकवानों मे-
अतरंगी अरमानों मे सरल स्वाद हासिल!!!

रंगरेज़ दिल!!!
फिर क्यूँ, रंगों से परहेज़ दिल!!!

चल कदम बढ़ा, गुलाल गुलाबी करने!!
चल पलक उठा, नजर शराबी करने!!
चल उड़ तू, उड़ान तेरी भी हो कामिल!!!
बिन पखों के भी होता आसमां हासिल!!!
"तू", "तेरी तबियत" और तेरा जुनून-
बस फिर "परवेज़ दिल"!!!

रंगरेज़ दिल!!!
फिर क्यूँ, रंगों से परहेज़ दिल!!!

निधि गौतम

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