कुछ नहीं मेरी आँखों ने ग्रंथ लिखे सिर्फ उन पर चढ़ी ज़िल्द और उन पर लिखी इबारत को, जो मैंने लिखी भी नहीं -
कुछ नहीं मेरी आँखों ने ग्रंथ लिखे सिर्फ उन पर चढ़ी ज़िल्द और उन पर लिखी इबारत को, जो मैंने लिखी भी नहीं
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देखा है आज फिर इश्क़ की गालियों से गुजर कर हिज्र में अश्कों से सींचे गुल अभी जवा हैं -
देखा है आज फिर इश्क़ की गालियों से गुजर कर हिज्र में अश्कों से सींचे गुल अभी जवा हैं
ज़रा देर और खामोश रह लेतेतुम्हें भी इश्क है, यही सोच जी तो लेते -
ज़रा देर और खामोश रह लेतेतुम्हें भी इश्क है, यही सोच जी तो लेते
ना बेकार हम ना गरीब हैं यारों दिल में इश्क की नदियाँ यादों से अमीर हैं यारों एक बार बस एक बार वो जान कर देखें बता देंगे मोहब्बत के नजीर हैं यारों -
ना बेकार हम ना गरीब हैं यारों दिल में इश्क की नदियाँ यादों से अमीर हैं यारों एक बार बस एक बार वो जान कर देखें बता देंगे मोहब्बत के नजीर हैं यारों
वो जो शब भर खामोशी के अल्फाजों से तुम्हें खत लिखती हूँ सहर की धूप पड़ते ही धुंआ-धुंआ हो जाते हैं -
वो जो शब भर खामोशी के अल्फाजों से तुम्हें खत लिखती हूँ सहर की धूप पड़ते ही धुंआ-धुंआ हो जाते हैं
छोड़ दे पतवार और कश्ती ले समन्दर में निकल जाकहा भरोसा ना हवाओं पे रख ना लहरों पे, किनारे ढूंढने खुद को ही हैं -
छोड़ दे पतवार और कश्ती ले समन्दर में निकल जाकहा भरोसा ना हवाओं पे रख ना लहरों पे, किनारे ढूंढने खुद को ही हैं
सुपुर्द कर पन्नों के किताबों में दबा दियामैंने अतीत पर ना धूल जमने दी ना ही जला दिया कैसे कर दूँ दूर के हिस्सा था जिंदगी काआज में रहकर उसे एक किस्सा बना दिया -
सुपुर्द कर पन्नों के किताबों में दबा दियामैंने अतीत पर ना धूल जमने दी ना ही जला दिया कैसे कर दूँ दूर के हिस्सा था जिंदगी काआज में रहकर उसे एक किस्सा बना दिया
मै हर लम्हा अल्फाजों की बारिशों में भीगी हूँ और कलम है के तेरी मोहब्बत के जाम में मदहोश है -
मै हर लम्हा अल्फाजों की बारिशों में भीगी हूँ और कलम है के तेरी मोहब्बत के जाम में मदहोश है
एक बार तो देख एक बार सुन तो जरा यकीन मान फिर तुझसे दूर रहेंगे सदा के लिये -
एक बार तो देख एक बार सुन तो जरा यकीन मान फिर तुझसे दूर रहेंगे सदा के लिये
इतनी लंबी है शाम रात का आलम क्या होगाजिंदगी खत्म हुई जा रही है एक सहर के इंतजार में -
इतनी लंबी है शाम रात का आलम क्या होगाजिंदगी खत्म हुई जा रही है एक सहर के इंतजार में