ऐसा दीदार करे कोई,
कि एक सुबह सब मुकम्मल हो जाए,
वो दुआ हमारी करे,
और उनकी दुआ कबूल हो जाए।-
💞Urdu poetry lover...😍
🕳️Gulzar sir ki fAn...... read more
ये कैसी सुदाई शाम आई है,
आज फिर से उसकी याद आई है,
दिल के कोने पड़ी उसकी वो यादें,
आज फिर से जगमगाई है!-
यूं ही लिख लेते है हम अल्फाज़ अपने,
कि लिखने भर से ही ख़्वाब पूरे हो जाते है!...-
चलो आज वक्त को पीछे ले जाते है,
उन लम्हों को फिर से ले आते है,
एक बार तुम फिर हमसे से इश्क करना,
इस बार हम बेवफ़ा बन जाते है!...-
भूला बैठे जो बंधी थी मेरे ख़्वाब पर,
आज तुम्हे भी भूला दिया मैंने,
तुम तो पहले ही भूला बैठे थे मेरे प्यार को!...-
आंखों से नश्तर आर पार करते हो,
कैसे जनाब आप रोज़ कत्लेआम करते हो!...-
ज़मी थी महफ़िल और,
ख्वाइशों की महफ़िल में
आपकी राय निराली थी,
हमने भी दे दी वो "चाय",
जो मेरे जनाब को प्यारी थी!...-
पहली नज़र में ही तुम्हारी,
शख्सियत भा गई हमको,
दिल भी दे बैठे और
ज़हन में भी बिठा लिया तुमको,
रूबरू हुए जब इस बात से,
कि तुम किसी और की अमानत हो,
अश्कों की धारा भी न रुकी,
और ये जिंदगी हस पड़ी मुझ पर!...-
क्यों कुछ कहना ज़रूरी है तुमसे,
क्यों कहकर ही कह पाऊंगी तुमसे,
क्यों जरूरत है मुझे कहने की
जो कहना है तुमसे!
महसूस तो तुमने भी किया होगा ना,
नज़रों ने तुम्हारी भी देखा होगा ना
"जो मुझे "कहना" है तुमसे"!...-
क्यों कुछ कहना ज़रूरी है तुमसे,
क्यों कहकर ही कह पाऊंगी तुमसे,
क्यों जरूरत है मुझे कहने की
जो कहना है तुमसे!
महसूस तो तुमने भी किया होगा ना,
नज़रों ने तुम्हारी भी देखा होगा ना
"जो मुझे "कहना" है तुमसे"!...-