औरत....
तुम्हारी आन भी मैं.....
तुम्हारी शान भी मैं,,,,
तुम्हारे दिन का गुजरता हर वक्त भी मैं.....
तुम्हारी रातों का सुकून भी मैं,,,,
तुम्हारा हर दर्द भी मैं......
तुम्हारे हर दर्द की दवा भी मैं,,,,,
तुम्हारी हर खुशी का राज भी मैं.....
तुम्हारी हर गम की आवाज़ भी मैं,,,,
तुम्हें दुनिया में लाने वाली भी मैं.....
तुम्हारा हर वक्त ख्याल रखने वाली भी मैं,,,,
तुम्हारे लिए ईबादत भी मैं....
तुम्हारे लिए गाली भी मैं,,,,
तुम्हारी इज्जत की वजह भी मैं.....
तुम्हारी वजह से बदनाम भी मैं!!!!!!
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