जब आप अपने से धोखा खाने लगते हो
लगने लगता है अब आपके सिवा
आपका यहां कोई नहीं है
तब सिर्फ आपकी ही नही
आपके विचारों की भी उन्नति होती है
उन्नति सिर्फ पैसों से नहीं
उन्नति तो समझदारी में भी होती है
अच्छे बुरे रिश्तों की पहचान में भी होती है
सच समझा आपने
ये सब आपकी उन्नति है-
Published many poem in a very popular anthologies..
यारों
नाम तक याद नहीं अब उसका यारों
जिसके नाम से कभी ख़ुद को संवारा करते थे यारों
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क्या हमसे की हुई मुलाकात याद आई है
और कहते हो रकीब हमसे बहुत प्यारा है
और कहते हो रकीब हमसे बहुत प्यारा है
फिर क्यों माथे पर बिंदी देख
उसमें हमारी झलक नज़र आई है-
इन बादलों में बसे कोहरे की तरह
तो हम इनसे डर कर आगे बढ़ना कैसे छोड़ दें।-
जो मेरा बच्चों जैसा खयाल रखता है
एक पागल सा लड़का है वो
खुद से ज़्यादा मेरी फिक्र करता है वो
मैं न रहूं सामने उसके
तो अपने दोस्तों से भी मेरा ही ज़िक्र करता है वो
मुझमें ये जो हजारों नखरे हैं
क्यूंकि इन नखरों को प्यार से उठाता है वो
हां एक पागल सा लड़का है वो
जब वो हंसता है तो मेरे दिल को सुकून आ जाता है
इतनी प्यारी हसीं हंसता है वो-
I welcomed you with
lots of positivity 😊
And I promised I'll spend
your every day with this positivity 💖-
मेरे रकीब के आने से
खो गए हैं इस रिश्ते से हम भी
जैसे गुम हो जाती है धूप
कोहरे के छा जाने से-
सब अपने अपने हालातों से चूर हैं
कभी खुशियां तो कभी ग़म मिलते हैं
यही तो जिंदगी का दस्तूर है।।-
मुझे तुमसे अब कोई हिदायत नहीं है
मैं हर बात तुम्हारी मान जाऊं
ये कोई रिवायत नहीं है
सच यह है कि
मुझे तुमसे अब कोई मोहब्बत नहीं है
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