मंजिल की छोड़ो आसकुछ ना कुछ तो करो प्रयास हार मान जो बैठ गए खुद से नजरें मिला पाओगे?आईना पुछेगा तेरा वजुद क्या जवाब दे पाओगे?फल देना ईश्वर के हाथप्रयास करना है तेरे हाथबिना लड़े ना मानो हारकुछ ना कुछ तो करो प्रयास -
मंजिल की छोड़ो आसकुछ ना कुछ तो करो प्रयास हार मान जो बैठ गए खुद से नजरें मिला पाओगे?आईना पुछेगा तेरा वजुद क्या जवाब दे पाओगे?फल देना ईश्वर के हाथप्रयास करना है तेरे हाथबिना लड़े ना मानो हारकुछ ना कुछ तो करो प्रयास
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इश्क की जो लगन लगीकस्तुरी सी महक उठीखबर हो गई बिन कहेइश्क छुपता नहीं हैआखिर मैं छुपाती कैसे -
इश्क की जो लगन लगीकस्तुरी सी महक उठीखबर हो गई बिन कहेइश्क छुपता नहीं हैआखिर मैं छुपाती कैसे
मोहब्बत जब होगी तब देखनादुनियाँ कितनी खूबसूरत लगेगीनजरें तो वही होगी पर नजरिया बदल जाएगीदिल तो वही होगी पर धड़कने बदल जाएगी आवारा इस धड़कन का सूर बदल जाएगाहर धड़कन पर अब तेरा ही नाम आएगा -
मोहब्बत जब होगी तब देखनादुनियाँ कितनी खूबसूरत लगेगीनजरें तो वही होगी पर नजरिया बदल जाएगीदिल तो वही होगी पर धड़कने बदल जाएगी आवारा इस धड़कन का सूर बदल जाएगाहर धड़कन पर अब तेरा ही नाम आएगा
कर ले पुरा तेरा जो भी सपना हैभूत बीत चुका भविष्य कल्पना है मौके के इंतजार में वक्त ना कर बर्बाद "आज" है हाथ ,यही समय है जो अपना है -
कर ले पुरा तेरा जो भी सपना हैभूत बीत चुका भविष्य कल्पना है मौके के इंतजार में वक्त ना कर बर्बाद "आज" है हाथ ,यही समय है जो अपना है
माना दुःख का जंजाल है उलझनों से गुथी एक हार है जैसा भी है पर है मेरा आ जिंदगी स्वागत है तेरा -
माना दुःख का जंजाल है उलझनों से गुथी एक हार है जैसा भी है पर है मेरा आ जिंदगी स्वागत है तेरा
मकान मजबूत बनाना है तो नींव उसका मजबूत करमंजिल करना है निश्चित तोपहला कदम मज़बूती से रख -
मकान मजबूत बनाना है तो नींव उसका मजबूत करमंजिल करना है निश्चित तोपहला कदम मज़बूती से रख
दूर होकर तुमसे देखो नैना कैसे बरस रहें हैं आँसू की बरसात में भी यादों के अलाव जल रहें हैं -
दूर होकर तुमसे देखो नैना कैसे बरस रहें हैं आँसू की बरसात में भी यादों के अलाव जल रहें हैं
बात नहीं करती है रातचुपके से थपकी दे सुलाती है रातचाँद की ठंढी चादनी से नहलाती है रातसपनों की सुनहरी दुनियाँ में ले जाती है रातबात नहीं करती है रात मीठी लोरी सुनाती है रात। -
बात नहीं करती है रातचुपके से थपकी दे सुलाती है रातचाँद की ठंढी चादनी से नहलाती है रातसपनों की सुनहरी दुनियाँ में ले जाती है रातबात नहीं करती है रात मीठी लोरी सुनाती है रात।
जिधर की भी रूख करूँ , तुम तक पहुँच जाती हूँछाए हो मेरी यादों में ऐसे , तुम्हारे सिवा कुछ याद कहाँ खो जाऊँगी इस जहाँ में ,तुम बिन जो जाऊँ कहीं तुम हीं कहो ऐसे में , तुम बिन जाएँ कहाँ -
जिधर की भी रूख करूँ , तुम तक पहुँच जाती हूँछाए हो मेरी यादों में ऐसे , तुम्हारे सिवा कुछ याद कहाँ खो जाऊँगी इस जहाँ में ,तुम बिन जो जाऊँ कहीं तुम हीं कहो ऐसे में , तुम बिन जाएँ कहाँ
विनम्रता और शिष्टाचार ऐसे हैं दो हथियार साथ जिसके दोनों हों जीत ले सारा संसार -
विनम्रता और शिष्टाचार ऐसे हैं दो हथियार साथ जिसके दोनों हों जीत ले सारा संसार