सब ठीक चल रहा है यार
हाँ ! मगर थोड़ा मायूस हूँ
Nesh panwar meghwanshi— % &-
मुझ जैसे शायर से फ़क्त उसने इश्क़ ही करना था,,
"नेश" शादी तो की है उसने किसी अफसर के साथ !!
--::)) नेश शायर ✍️✍️((::--— % &-
चार दिन कि ज़िन्दगी में,,
दो दिन ये फ़रवरी खा गई !!
--::(नेश शायर ✍️✍️)::--— % &-
हज़ारों शाम के नज़ारे देखने है,,
हररोज़ मैंने तेरे साथ बैठ कर !!
--::)) नेश शायर ✍️✍️((::--
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उसकी गली में एक दिन मैं जा के देखता,
उसको देखता और उसकी आँखें देखता !
उसकी ज़ुल्फ़ है सज़ा-ऐ-काला-पानी सी,
फ़िर कौन कम्बख़्त यहाँ सलाखें देखता !
--::((नेश शायर✍️✍️))::--— % &-
मैं जो उसके गाँव का पता पूछता हूँ सबसे,,
कहीं मैं अपने गाँव से उकता तो नही गया !!
--::((नेश शायर ✍️✍️))::---— % &-
लड़कियां गर इश्क़ से तौबा करने लग जाए,,,
तो लड़के भी शाइरी छोड़ कोई काम तलाशे !!
--::((नेश शायर ✍️✍️))::--— % &-
"अपने घर में कभी तन्हा नही रहा मैं
रोज़ एक-दो परिंदे मेरे साथ होते है" !!
--::((नेश शायर ✍️✍️))::--— % &-
मुझे पढ़'वानी है हाथों की ल'कीरें मरयम,,
क्या तू जानती है किसी मौलवी को मरयम !!
--::((नेश शायर ✍️✍️))::--— % &-