हम जी तो रहे हैं पर फिर भी हम जी नहीं रहे हैं ✔️
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इस जग में है हम क्यों
कहाँ थे और आये है क्यों
जाना है हमे कहाँ तो
खोज जारी रहे
हम आये हैं जानने को
दुनिया और खुद को
संभलकर चलना सीख जाय
खोज जारी रहे
स्वयं को जानना है
प्रकृति को जानना है
तो खोज जारी रहे
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तुम शक्तिमान बन जाओ तो
कमजोरों की नींव बन जाना
तुम बुद्धिमान बन जाओ तो
बुद्धुओ का सहारा बन जाना
तुम वीर पुरूष बन जाओ तो
पीड़ितों की छत बन जाना
तुम धैर्यवान बन जाओ तो
चंनचलों को राह दिखाना-
लिख तू एक कहानी
दे एक सीख सुहानी
लिख तू उस वृक्ष की कहानी
जो एक दिन यही कही खङा था
फिर मानवी मशीन में अङा था
और फिर तङपकर गिर पङा था
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खामोशी मेरी कमजोरी नहीं ,मेरी ताकत है
क्योंकि मेरी खामोशी ही एक दिन शोर
मसाएगी-
सपनों को सदा संभाल कर रखो
अपनों को सदा विश्वास में रखो
केवल दूजों को नहीं ,
पहले खुद को संभाल कर रखो-
खोना पङता है
कुछ पाने के लिए कुछ खोना पङता है
जैसे आकाश में उजाले के लिए
घने काले बादलो को हटाना पङता है
जैसे आगे - आगे बढने के लिए
पीछे के पछतावे को खोना पङता है
जैसे धरा पे खुशहाली के लिए
बादल को खाली होना पङता है
जैसे चाँद पे पहुँचने के लिए
धरा को छोङ जाना पङता है
तो अब यूँ कहे कि
कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पङता है
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कर्त्तव्य
हे कर्त्तव्य! बांध ले मुझे तेरे बंधन में
मुझे जीना तेरे बगैर नहीं
मैं हवाले हो रहा हूँ तेरे, मेरी मर्जी से
पर रहे ध्यान इतना कि कच्ची डोरी से न बांध मुझे
मुझे बंधना है लौह की जंजीर से
जो न तोङ पाऊं और न ही टूटे मुझ से
मुझे स्वीकार है तेरा बंधन
मैं सीमा में तेरे में रहकर जीऊंगा
कोई नहीं चाह रखता तेरा बंधन
पर मैं रखता हूँ और रख ले मुझे
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सामंजस्य जरूरी है प्यार और नफरत में
सामंजस्य जरूरी है आने और जाने में
जरूरी है सब में सामंजस्य रखना
जीवन को संतुलित बनाने में
सामंजस्य जरूरी है हंसने और रोने में
सामंजस्य जरूरी है बताने और सताने में
हर जगह जरूरी बन जाता है यह
यहाँ तक, उठने और बिठाने में
सामंजस्य जरूरी है आदान और प्रदान में
सामंजस्य जरूरी है मोह और मोहम्मद में
जरूरी है यह हर दिन और रात को
संतुलित सपने देखने और पूरे करने में
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मैंने पिताजी से सीखा
सीखा है मैंने उनसे शांत रहना
सीखा है मैंने उनसे सहन करना
और भी बहुत कुछ सीखा है
बङो के साथ छोटे बने रहना
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