पूजा चित्र की नहीं
चरित्र की होती है-
निखिल जैन
Ñ... read more
छोटे से गांव में घर है मेरा,
तेरे शहर से ज्यादा महकता है ।
जिस गली से निकलूँ सब पहचानते है मुझे,
तेरे शहर में पड़ोसी भी ना जाने तुझे।-
प्यार किया था तो कोई ख्याल ना आया,
अब तुम्हारी शर्तें खत्म होने को नही।-
इश्क़ किया जब, कुछ सोचा नही,
अब बात घर बताने की आई तो घर को चली गई।
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सिर्फ प्यार की बातो से कुछ नही होता,
उंगलियो पर नाचना भी आना चाहिए।
इश्क़ में अगर खुश रहना है सबको,
तो मक्खन लगाना भी आना चाहिए।-
पागल नही है अब कोई इश्क़ की गलियों में,
सबको अपने आशिक़ से सब कुछ चाहिए।
अगर तुम्हें अपना इश्क़ मुकम्मल करना है,
तो एक अच्छा सा रोज़गार होना चाहिए।
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मुझे समझ नही पाए सायद अभी तक वो,
जो मुझसे इश्क़ वे-पनाह करने का दावा करते है।-
बिना पूछे हज़ारो बाते बताने वाले लोग,
हज़ार बार पूछने पर भी एक बात नही बताते।-
सजा इश्क़ में मिलनी तय थी,फिर भी बेशुमार किया ।
एक फ़क़ीर ने, रानी से इश्क़ जो किया।
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कितना प्यारा रिस्ता था,
मेरा ही तो किस्सा था।
दूर हो गया मुझसे वो
जो मेरे दिल का हिस्सा था।-