कब तक मेरे,
ख्वाबों पर, पहरा दोगी?
कब तक आखिर
मेरे सपनों के खातिर जागोगी?
उम्मीदों...! अब सो जाओ।-
From Punjab
जितने भी शिकवे थे, उसके ना आने से थे
वो जो पहलू में है, उस से अब कैसा गिला
जिंदगी बुझ रही थी जो बीतते वक्त के साथ
साँसें काबू में हैं, उस से अब कैसा गिला।-
तुझे देखा तो जैसे आंखे चौंधियां सी गई,
फिर,
क्या अच्छा, क्या बुरा, कुछ दिखा ही नहीं।
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मलाल इक यही रहा के वो मिला नहीं,
बाकी इस जिंदगी से कोई गिला नहीं
उसकी इच्छा बगैर पत्ता नहीं हिलता,
उसकी मर्जी नहीं थी और पत्ता हिला नहीं।-
एक ओर धर्म- समानता से जीना चाहता है।
दूसरी ओर मजहब- जिंदगी के आड़े आता है।।-
अगर मेरा खुदा कहता,
उस शख्स को बेवजह मार
मेरा जवाब होता, तुझ पर और,
तेरी खुदाई दोनों पर है धिक्कार।।-
चंद चाॅकलेटों, उपहारों की लालच में
दूध पीती लड़कियां,
पढ़ाई-लिखाई छोड़कर, मेहनत से जी चुराती,
आने- बहाने से, छिपती- बचती, झूठ बोलती
मां-बाप द्वारा पेट काटकर,
लाखों परेशानियां झेल कर,
भरी गई फ़ीस, जुटाई गई सहुलियत,
परिवार की इज्जत दांव पर लगा कर,
किसी लफंगे लड़के के साथ जीने- मरने
की कसमें खाने, हद से गुजर जाने में लगीं है।
और Mother's/ Father's day पर status डालती हैं।
Love you Mom 🥴🥴
Love you Dad 😤😤-
गलत कर्म सूंघते हुए पास पहुंच ही जाएंगे,
नियत बुरी होगी, तो नतीजे भी बुरे मिलेंगे।
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