सोची नहीं किमे नया करणे की भी,
बस पुराणी बात नै लेके जवाब सवाल रह्या..
दिन बीत गए टैम लिकड़ गया,
मेरा हाल कुछ न्यु बेहाल रह्या..
चल इबकै रुकूं नहीं किसे मोड़ पै,
जब भी मन मैं तेरा ख्याल रहया..
सब्र करणा सिख लिया मनै तेरे बाद,
हां मन मैं थोड़ा सा तो मलाल रह्या..
पर कोई बात दोहराऊं कोन्या इस 24 मैं,
ज्युकर 2023 का साल गया।
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सब्र कर कै बैठ गई एक ओड़ नै ,
उम्मीद सारी तेरे राह पै छोड़ दी
दारु दुरु का तो के पीणा मुर्शद ,
नशे के नाम पै मनै चाय भी छोड़ दी।-
बेशक चलाए तनै कितणे आंदोलन ।
असल समस्या तै, तू उलझी कोनी..
सून्ने पड़गे अधिकार तेरे ,
तेरे पै आपणी घर की समस्या तक सुलझी कोनी ।
दिमाग तै काम लिए, तू संकट की घड़ी मैं,
टूट ज्यागी, जै जज़्बातां मैं बह ज्यागी।
फेर के फायदा तेरी शिक्षा का, या धरी की धरी रह ज्यागी।
क्यू चुपचाप सहन करै जाव तू..खुद पै आण आले सारे प्रहार।
तू इब उठ खड़ी होज्या ।
क्यूं बाप , भाई और तेरा पति ए लेवैगा, तेरे सारे फैसले
बेशक तू कितनी बड़ी होज्या ..
क्यू बण री है बोझ किसे पै.. खुद कमा के खाणा सिख ।
21वीं सदी की औरत है तू, चल जिंदगी अपणी चमकाणा सिख।
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आज कॉलेज तै लिकड़ दे कुछ यूं होया...
मेरे पीछे पीछे Feel मनै तू होया..
यूं तो चालया करू मैं फुल स्पीड मैं
पर मेरे नए जूते पैरा कै लागण लाग रे थे।
रोड क्रॉस करना था मनै
और Vehicle Nonstop भागण लाग रे थे।
घा होग्या पैर मैं .. नजर मेरी नीचे होगी ।
तू थोड़ा आगे लिकड़ गया , मैं फेर पीछे होगी ।
इतने आगी book shop... जड़े तै बुक लेणी थी मनै
याद आई मनै किताब की भूल के तनै।
मैं एक तरफ होगी Road कै.. तू दूसरी तरफ होग्या..
तेरा mask तै ढक्या चेहरा...मेरी आंख्या तै ओझल होग्या..
आस-पास मनै नजर घुमाई .. फेर तू मनै किते दिखाया कोनी
करड़ा बहम होग्या मेरै..इस पागलपन तै भी मन भरया कोनी।-
के कही सूणी कुछ बातां नै..
भीतर मैं उमड़े जज़्बातां नै..
रोया नहीं रोणा, मनै कदे किसे कै आगै..
फेर मैं लिखण लागी हालातां नै ।-
पूरी popularity मिल री थी ओडै़..
बेशक restriction के मामले में जिसा भी था,
कित फंसगे यार, इस college life मैं..
इस तै तो school घणा सही था।-
बेरा न अंजाम के होगा,
मेरे चुप रहण का परिणाम के होगा
छोटी मोटी उलझन तो मनै हर बार सुलझा ली मां..,
हो सकै तो मन माफ करिए.. मनै तेर तै घणी बड़ी बात छुपा ली मां।-
वो वाकिफ भी नही था मेरे जज़्बातों से,,, मुर्शद..
और हम उससे महोब्बत बेपनाह कर बैठे ।।-
I stopped writing.. perhaps you are not the main reason..
But I'm starting again..the reason may be you..!!
May be..!!-