जो कभी देखते भी न थे मोहब्बत की निगाहों से, उनके दिल से भी प्यार मुझ पर लुटाया जा रहा था। मैं नीद में और मुझे इतना सजाया जा रहा था । बड़े प्यार से मुझे नहलाया जा रहा था। मोहब्बत की इन्तहा थी जिन दिलो में मेरे लिए उन्ही दिलो के हाथो आज मैं जलाया जा रहा था । कांप उठी मेरी रूह वो मंजर देखकर, जहां मुझे हमेशा के लिए सुलाया जा रहा था ।इस दुनिया में कोई किसी का हमदर्द नही होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पूछते है और कितना वक्त लगेगा। मालूम नही क्यो हैरान थी हर कोई मुझे सोते देख कर, जोर जोर से रोकर मुझे जगाया जा रहा था ।न जाने था वो कौन सा अजब खेल मेरे घर में , बच्चो की तरह मुझे कंधे पर उठाया जा रहा था।पास मेरा हर अपना उस वक्त ,फिर भी मैं हर किसी के मन से भुलाया जा रहा था।
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