neha verma  
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Joined 21 November 2019


Joined 21 November 2019
19 NOV 2022 AT 20:38

From past to present when I see, I find change in everything, it's improvement when it's unbiased or unaffected similarly it's deterioration when it's biased or affected from people.

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14 NOV 2022 AT 1:38

People who wants to achieve something in life, life is testing them on daily basis for that something they want to achieve.
We think we're getting success by the question paper we've solved in examination hall but the real exam is going on in our daily life and we ignore them most of the time.

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7 NOV 2022 AT 19:31

जा रहे हो तो जाओ
भाड़ में जाओ
वैसे भी तुममे हिम्मत कहाँ
सच को बताने की
चीख़ ना निकल रही हो
तो दो झापड़ लगा दूँ।
मुझे तो शुरू से पता था
तुम एक नम्बर के हो फट्टू
छुपकर वार करते
दूर से तमाशा देखते
अब जा ही रहे हो तो सोचती हूँ
हाथ साफ कर लूँ।

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27 AUG 2022 AT 0:50

कुछ लोगों को लगता है कि
मजदूरी करना ही कर्म है
उन्हें ये नहीं मालूम कि
किसी तरह का कर्म ना करना
भी एक कर्म ही है

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16 AUG 2022 AT 1:11

मेरा दिमाग मेरा शरीर मेरी भावनाएं क्या चाहतीं हैं
मुझे पता है ये सब जो भी चाहते हैं सब क्षणिक हैं
इन सबकी चाहतों से भी बड़ी जो चाहत है वो है
कि ये सब मिलकर जब मेरा वजूद बनता है
तब वो क्या चाहता है?
क्या वो एक ऐसे इंसान के साथ रहना चाहेगा जो उसकी जिंदगी में आज तक जितने भी दुःख आये है उनकी एकमात्र वजह है, मेरे विचार से तो कोई भी नहीं रहना चाहेगा शायद। शायद कभी मजबूर होकर मुझे वैसे इंसान के साथ रहना भी पड़ जाए लेकिन मुझे ये हमेशा इल्म रहेगा कि ये फैसला मैंने कभी भी अपनी खुशी से नहीं लिया है क्योंकि मैं अपना बुरा कभी चाह ही नहीं सकती हूँ।
मैंने महसूस किया है कि कैसे वो दिमाग को नियंत्रित करता है कैसे वो जो चाहे आपको दिखा सकता है, कैसे वो शरीर को नियंत्रित कर सकता है, कैसे वो भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है तो जब मेरे शरीर का ब्रमांड ही मेरे नियंत्रण में नहीं है उसके आगे तो मैं तो उस क्षण मैं स्वयं हूँ ही नहीं लेकिन मैं वो भी तो नहीं हूँ जो वो मुझे बनाना चाह रहा है, जैसे मुझे खुद से प्रेम है उसे भी खुद से प्रेम है, वो मुझे उसके जैसा बनाना चाह रहा है जो कि क्षणिक तौर पर तो सम्भव है पर स्थायी नहीं, क्योंकि उसका मोह पाश भी क्षण क्षण में टूटता रहता है।

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16 AUG 2022 AT 0:22

जब आपको पता है कि
आप शांति से तब तक नहीं रह सकते
जब तक आपकी जिंदगी में दखल देने वाले
लोगों को जिंदगी से आज़ादी नहीं मिल जाती
तब आप बस उनके जिंदगी से आज़ाद होने की
दुआ मांगते है जिससे कि आप शांति से जी सकें

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15 AUG 2022 AT 14:28

इंसान की जिंदगी कीड़े मकौड़ो से ज़्यादा की नहीं है बस फर्क इतना है कि इंसानों की जिंदगी में नाटक बहुत है।

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14 AUG 2022 AT 21:06

बड़ी उम्मीद से कुछ लोग बैठे हैं
बड़े बड़े सपने सजाकर
जिन्होंने कभी साज़िश रची थी
किसी को फसाकर

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14 AUG 2022 AT 20:57

उन सभी भड़वों की काली शक्लें और काली करतूतें
आज भी याद है जिनकी जिंदगी आज कालिख और अंधेरे से भरी है
अभी कुछ और ऐसे बाकी हैं जिनकी जिंदगी कालिख और अंधेरे से भरी हुई देखना बाकी है

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14 AUG 2022 AT 19:36

कितना भी बड़ा जोकर हो
तभी तक नकली हंसता है
जब तक काल्पनिक दुनिया में रहता है
जिस दिन असल जिंदगी से मुलाकात होगी
उस दिन चेहरे से हंसी हमेशा के लिए गायब हो जाएगी

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