Neha Swaika   (Neha Swaika)
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Joined 19 September 2020


Joined 19 September 2020
24 JUN AT 23:37

लहरों से छुटकर मैं कहाँ जाऊँगी?
अगर निकली भी तो
तो शायद कहीं सूख जाऊँगी।
बूंदों की कद्र कौन है?
शायद किसी जलधार में
मैं फिर मिल जाऊँ।
क्योंकि मैंने उस लड़की को सुना था
जिसके एहसासों को छूकर मैं अभी-अभी लौटी हूँ।
कहा था उसने कि वो गुम सी हो गई थी, तन्हा
अब जब वो लहरों से मिली,तो बरसों बाद
खुलकर हँसी है
अकेले रहने से बेहतर है किहम भीड़ में ही
खुद को पहचान लें।
लहरों में कोई मजबूरी नहीं, हम उसकी ताकत को पहचान लें
अगर मुड़ना भी हो तो उस घुमाओ में
अपने सुख-दुख को संभाल लें
क्योंकि टूटना,एक मात्रा अंजाम है बिखरने का .....

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24 JUN AT 23:31

अब रोशनी से डर लगता है
घाव मेरा गहरा कि
दिन में सब साफ झलकता है
छुप कौन मैं तेरे दामन में कि
फिर दर्द थोड़ा कम होता हैं

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18 JUN AT 10:14

मैं तेरे प्रेम में सराबोर
तेरी हामी का इंतज़ार करती हूं
तू भी प्रेम में इंतज़ार लिए बैठा है
मगर मेरे नहीं , तो क्या हुआ
मगर हम प्रेमी एक से है .......

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16 JUN AT 1:18

पेड़ और दरख़्त की सीमाएं जान पाते
ख़ुशबू और छाव के एहसास पढ़ पाते
काश ! कि तुम शायद रुक जाते .......

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12 JUN AT 0:50

आज कुछ फिर लिखने को मन करता है
उस मन में तेरा सपना बस्ता है
जी चाहे छाप दे तेरी तस्वीर कागज पर
पर अपने ख्याल को दुनियां संग बांटने से
अब डर लगता है ..................
जैसे ज़ुकाम के कारण भीगने से डर लगता है
तो यूं कर बस मौन रहने का संयोग बनता है ....

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22 MAY AT 23:29

तेरी गली में भी बिन बोले
चाँद आया था और
एक बार चुपके से उसके बारे में
कुछ बात हुई थी
सुना है तुम्हे भी मोहब्बत हुई थी
पन्नों में सुर्ख पत्तियों की
खुसफुसाहट हुई थी
एक स्याह शाम
खूब बरसात हुई थी
तभी तो सुना है कि
तुम्हे भी मोहब्बत हुई थी.......

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22 MAY AT 23:17

तरबियत नई है
सो तबियत हम खास बुनते है
इतने रंग है ज़माने के
सो हम खुद को बस अपने रंग रंगते हैं

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22 MAY AT 23:09

कल मिलते है बोल देना
फिर अचानक ही
बिना बोले छोड़ देना
बंध रखी हूं मैं अब भी तुमसे
बस एक बार लौट आओ ना
अलविदा बोलकर
मेरे इंतेज़ार को विराम दोना ....

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22 MAY AT 23:03

From your side
In which I wish you say
Just bye .........

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19 MAY AT 20:03

Ye fasle teri galiyon ke
Hum se tay na hue
Hum ruke phir chale
Magar ye furkat ke lamhe
Hazar nagmo se bhi kam na hue ....

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