हर बार खुद को समझाया, क्या सही क्या गलत सब छोड़ खुद को समझाया, ज़िन्दगी इतनी आसान नहीं है किसीकी, अपनी नज़रों से उतरते देखा अपनों को, दावा करते हैं जो बेहद प्यार करने का अब उन्हें भी देख रही हूँ खुद की नज़र से उतारते हुए, अच्छा है खुद को भिखरने से बचाया है, आज भी खुद को समझाया है दुसरों क लिए...
Chhoti si muskan hai is chehre par, Dil ko nahi pta kya chal rha h zindagi mai, Usse to bas dhadkna hai kissi k lie, Ajeeb to ye hai mujhe bhi nahi pta ki chal kya rha hai zindagi mai.
Socha tha kuch naya sikhnge Zindagi se, Kya pata tha zindagi itni badal jayegi... kitab ke har naye kisse ki tarah meri zindagi har din naya kissa sunayegi..
आपका मुझे चोरी से देखना, हमारा घंटो साथ गुजरना, चोरी छिपे मिलना, आपका मुझे स्पेशल फील कराना और मेरे साथ खुल कर हँसना और बातें कह देना, आपका डर मेरी बेचैनी और चंद लम्हों में हमारी ज़िन्दगी का फैसला होना, आपका मेरी ज़िन्दगी में आना और मेरी ज़िन्दगी को यूं आसान बनाना, हर बार ये एहसास दिलाना की मैं हूँ बस मैं ही हूँ, मुझे अपनी ज़िन्दगी बनाना।