बेशक मैं तेरे काबिल ना हूँ ..
लेकिन ये भी याद रख,
तु तभी जीतता है,
जब मैं तुझे जीतने देती हूँ,
मैं तुझसे लड़ नहीं सकती,
क्योंकि मुझे यकीन है कि मैं हार ही जाऊंगी,
तेरी इन छोटी छोटी जीत में भी मैं खुशियाँ ही मनाऊंगी,
तु फिर फुल कर, चौड़ा होकर मुस्कुरायेगा, घूरेगा,
और मैं एक छोटी मुस्कान के साथ तुझे देखुंगी,
लाख कोशिशें रहेंगी लोगों की,
कि मेरी आंखे खोल दें वो...
लेकिन उन्हें भी क्या पता कि इन्हें बन्द भी तो मैंने ही किया है,
मेरी सोच छोटी नहीं बस तुझे खो देने का डर है,
आंसुओं का समंदर भी तुझे नापसंद है,
तेरी घमण्ड के सामने भी मैं कुछ नहीं,
तेरी दोस्ती भी तुझे मुझसे ज्यादा प्यारी,
ये भी मुझे कबूल है,
तु जो चाहता है वो करने की कोशिश में,
मैं सारी जिंदगी निकाल दूं !
बस एक ही इंतजार के साथ कि...
कब मैं तेरी जिंदगी में सर्वोच्च, सर्वोपरि बनूं !
जिस दिन मैं तेरे लिए सबसे बढ़ कर हो गई ना !
सच... मैं अपनी सारी हार की खुशियाँ मनाऊंगी !!
तुझसे बस एक ही गुजारिश है कि
वो दिन मेरा अंतिम दिन ना हो,
क्योंकि मैं उस एहसास के साथ जीना चाहती हूँ...!
बेशक मैं तेरे काबिल ना हूँ
क्योंकि...
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