Neha Singh   (वज़ह💔)
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Joined 2 May 2018


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26 APR 2022 AT 11:40

मुस्कुराती आंखों में भी अक्सर नमी सी रहती है....!
सब कुछ है यहां,
पर तेरे बिना मां ससुराल में एक कमी सी रहती है...!!

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21 APR 2022 AT 10:52

14 MAR 2022 AT 21:46

अपनो के किए फैसले पर कुछ ऐसे सिर झुकाया है..!
जैसा था ही नहीं, मैंने वैसा सच सबको बताया है..!!
छुपा कर कड़वा सच अब हंस कर,
मीठा झूठ कहने लग गई हूं मैं..!!
हां, ऐ जिंदगी अब बदल गई हूं मैं...!!😊

जबसे ये सिंदूर बिंदिया मैंने अपने माथे पर सजाया है..!
तब से गर रोती हैं आंखे फिर भी लबों से मुस्कुराया है..!!
छुपा कर अपने दर्द को अपने आंखों में,
बेशक थोड़ा निखर गई हूं मैं...!!
हां, ऐ जिंदगी अब बदल गई हूं मैं...!!😊

मेरे मन की गांठ को न अब तक किसी ने सुलझाया है..!
जहां आईं हूं वो अपना है या जो छोड़ा वो घर पराया है.!!
दो रिश्तों की छोर सुलझाते सुलझाते,
खुद उझल कर रह गई हूं मैं..!!
हां, ऐ जिंदगी अब बदल गई हूं मैं...!!😊

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6 FEB 2022 AT 12:09

स्वरों को जिसने अपनी आवाज़ से सजाया..!!
आज उस श्रुति की विदाई ने हमें रुलाया...!!
स्व० लता जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि🙏🙏
😔😔😔😔😔😔

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31 DEC 2021 AT 20:22

किन शब्दों में करूं बयां मैं अपने दिल का हाल...!!
कुछ घंटों में अब बीतने को है ये 2021 का साल..!!

बेशक इस बीते साल ने मुझे बेहिसाब रुलाया.!
पर इसने ही मुझे मेरे हमसफर से भी मिलाया..!!

वो हमसफर जिसकी नजर में विश्वास नजर आया है.!
हां वो ही जिसने पत्नी से पहले मुझे दोस्त बनाया है..!!

ऐ गुजरते साल तू मेरा बस ये एक सा काम कर दे..!
मेरे हमसफर की झोली में ताउम्र की खुशियां भर दे..!!

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31 DEC 2021 AT 10:46

आने वाला साल उनको भी खुशियां दे हज़ार..!!
जिसने थामा हमसफर का हाथ छोड़कर प्यार..!!

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29 DEC 2021 AT 10:38

कमी तुझमें नहीं कि तूने हमसफ़र बदल लिया...!!
खामी मुझमें है कि बिछड़ कर तुझसे जिंदा हैं हम..!!

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28 DEC 2021 AT 13:21

बहुत अजीब लगता है आज भी ये सोच कर मुझे...!!
कि उनका किसी और का होना उन्हें अजीब न लगा.!!

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7 OCT 2021 AT 10:54

पूज पूज कर पत्थर को,
मत बोलो खुद को दास मेरा..!
किसी मूरत में न ढूंढ मुझे,
हर नारी में है वास मेरा...!!
#वज़ह

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28 SEP 2021 AT 10:40

वो अपने घमंड का वज़न लिए नाराज़ बैठे रहे....!!
हम उठा के अपने आत्मसम्मान की गठरी चलते बने..!!

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