तुम ही तो परछाई हो हमारे
इसलिए तो हमारी कमजोरी तुम हो
दूसरे के बहस और क्रोध से इतना
फर्क नहीं पड़ता जितना कि तुम्हारे
द्वारा किए गए क्रोध से पड़ता है
मगर हम क्या करें कुछ न कुछ चीजें
ठीक से नहीं हो पाती है हमसे इसलिए
तुमको बुरा लगने लगता है लेकिन तुम
फ़िक्र मत करो इस कमजोरी को
अपनी ताकत बनाकर खुद को योग्य
बना देंगे
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