क्या तुम्हें स्वीकार है.. मेरे साथ चलना..
क्या तुम्हें स्वीकार हैं.. मुश्किल में साथ देना...
क्या तुम्हें स्वीकार हैं... मेरी सीता बनना...
हाँ तुम्हारी हर बात स्वीकार हैं मुझे...
बस मेरी भी एक कामना है..
अपनी इस सीता के लिए तुम भी राम बनना..-
Neha singh
(Neha singh)
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Hi.. My self neha.. A mother of two children... And I love read and write..
Joined 22 July 2020
13 JUN 2022 AT 11:57
10 OCT 2021 AT 9:58
जब जब मैंने ख़ुद का किया सम्मान...
सब ने उसे मेरा अहम समझा..
और जब किसी के लिए ताक पर रखा...
उसे मेरे स्वार्थ का नाम दे दिया...-
7 SEP 2021 AT 20:59
कुछ तेरे हिस्से है.. कुछ मेरे हिस्से है...
जो मिलकर बने जीवन के किस्से है...-
23 JUN 2021 AT 9:54
पापा, आप मेरी जिंदगी के वो टूटते तारे हो...
जिसे देखने भर से सभी ख्वाइशें पूरी हो जाती है..-
20 JUN 2021 AT 20:53
मैं तेरी रक्त बीज हूँ..
तुझसे ही अस्तित्व है मेर...
कैसे अता करूँ तेरा शुक्रिया..
तुने ही तो दिल धड़काया मेरा..-
20 JUN 2021 AT 20:44
आज ऐसे मुझसे मिल की रूह को सकूँ मिल जायें...
दूरियाँ जितनी भी आई दरमियाँ वो अब मिट जायें...-
18 JUN 2021 AT 18:08
जो कुछ दिन की ख़ुशी देकर याद बन जाते है.. और अपनी दुनिया में चले जाते है
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