बस इतनी सी इल्तिज़ा है तुझसे उस आख़िरी लम्हे में तेरी बाहों में महफूज रहूं मैं💫... और वह धीमी नसीमो में तू आखरी बार !! मोहब्बत से मेरे गोश् में धीमे से मुझे कहे मुझे बेपनाह इश्क है तुमसे !! ♥️
चांद की गोद में सोया था जनवरी की रातों में..🌚 मेरा दिल मासूम था , आ जाता था उनकी बातों में तुम मेरी मोहब्बत को आम मत समझना , यारों🥀 अरे! मैं दिया जला के रोता था एक शख्स की यादों में♥️