"प्यार सिर्फ वही नहीं है जो कह दिया जाए.. प्यार वो भी है जब तुम मेरे आंटा गूंथते समय मेरी माथे पर आती लटें हटा देते हो... वो भी जब खाना बनाते समय तुम मुझे बांहो में भर लेते हो.. वो भी जब मेरी उंगलियों से खेलते हो.. जब मेरे झुमके छुपा लेते हो और कहते हो मैं पहनाऊंगा.. वो भी जब मुझे संवरते हुए देखते हो..
वो भी जब मेरे बीमार होने पर हज़ारों फोन कर देते हो.. प्यार वो भी है जब कहते हो तुम्हें मेरा रात में सफ़र करना पसंद नहीं और वो भी जब तुम चिढ़ जाते हो और कहते हो तुम बोलती क्यूं नहीं.. जब मैं नाराज़ होकर भी नाराज़गी नहीं जताती!
तुम कहना बंद करो कि तुम्हें जताना नहीं आता, प्यार लफ्ज़ों में बयां नहीं होता हमेशा.. महसूस किया जाता है! ये सब जो तुम करते हो मेरे लिये शब्दों से ज्यादा हैं और मुझे बहुत पसंद भी" शुभि ने राहुल से सर पर चपत लगाते हुए कहा! राहुल मुस्कुरा दिया और शुभि के गाल खींचने लगा और कहा.. इतनी तारीफ़ के बाद एक चाय तो बनती है मैं इतना कुछ करता हूं चलो तुम चाय बनाओ और इसी के साथ राहुल को मिली एक और चपत!
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