Neha Saxena   (#पगले_ख्याल)
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Joined 12 January 2017


Joined 12 January 2017
11 OCT 2022 AT 7:26

हर बात पर हिदायतें
हर बात पर तोहमतें
ये दुनियावाले आखिर
हाल पर छोड़ क्यों नहीं देते

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22 MAR 2018 AT 13:26

"प्यार सिर्फ वही नहीं है जो कह दिया जाए.. प्य‍ार वो भी है जब तुम मेरे आंटा गूंथते समय मेरी माथे पर आती लटें हटा देते हो... वो भी जब खाना बनाते समय तुम मुझे बांहो में भर लेते हो.. वो भी जब मेरी उंगलियों से खेलते हो.. जब मेरे झुमके छुपा लेते हो और कहते हो मैं पहनाऊंगा.. वो भी जब मुझे संवरते हुए देखते हो..
वो भी जब मेरे बीमार होने पर हज़ारों फोन कर देते हो.. प्यार वो भी है जब कहते हो तुम्हें मेरा रात में सफ़र करना पसंद नहीं और वो भी जब तुम चिढ़ जाते हो और कहते हो तुम बोलती क्यूं नहीं.. जब मैं नाराज़ होकर भी नाराज़गी नहीं जताती!

तुम कहना बंद करो कि तुम्हें जताना नहीं आता, प्यार लफ्ज़ों में बयां नहीं होता हमेशा.. महसूस किया जाता है! ये सब जो तुम करते हो मेरे लिये शब्दों से ज्यादा हैं और मुझे बहुत पसंद भी" शुभि ने राहुल से सर पर चपत लगाते हुए कहा! राहुल मुस्कुरा दिया और शुभि के गाल खींचने लगा और कहा.. इतनी तारीफ़ के बाद एक चाय तो बनती है मैं इतना कुछ करता हूं चलो तुम चाय बनाओ और इसी के साथ राहुल को मिली एक और चपत!

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10 JAN 2018 AT 2:12

बड़ा ही दिलकश आईना है तेरा इश्क़ भी
आँखो को वही दिखता है जो वो देखना चाहती हैं!

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22 MAY 2017 AT 0:28

समझ नहीं आता अक्सर मुझको
जो तुम फिसल रहे हो रेज़ा रेज़ा
तड़प जाऊं हर उस खालीपन में
या मुस्कराऊं और शुक्र मनाऊं
उसका जो बच सा गया है दरमियान..!!

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23 DEC 2020 AT 21:16

इरादा जान भी लेते तो तुझसे नाता तोड़ लेते क्या?
मोहब्बत में पागल थे हम तुझसे मुँह मोड़ लेते क्या?

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15 DEC 2020 AT 21:44

किस क़दर लोग इश्क़ में दीवाने हुए जाते हैं
मुझे तो इश्क़ का नाम धोखा सुनाई पड़ता है

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12 DEC 2020 AT 21:28

दिल दुखा कर पूछते हैं रोने की वज़ह
हम भी कह देते हैं तबियत ख़राब है

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18 OCT 2020 AT 1:27

वक़्त के पेड़ को रोज़ नाखुन से खुरचती हूँ
कि कुछ पल मिल जायें तुम्हारे साथ के
पर शायद वक़्त और हवा की साजिश है कोई
वक़्त की खुरचन भी हवा उड़ा ले जाती है
ना तुम मिलते हो ना तुम्हारा वक़्त...
ख़ैर.. ज़ारी रहेगा फिर भी यूं ही
खुरचना उड़ना.. उड़ना खुरचना..!!

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24 SEP 2020 AT 22:58

शुरू शुरू में तो आलम कुछ यूं रहा
कि मुझे वो पसंद है उसे मैं पसंद हूँ

बात अब करने का दिल ही नहीं होता
ना मुझे वो पसंद है न मुझे मैं पसंद हूँ

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22 SEP 2020 AT 12:10

ग़ैरों से शौक से बतियाते हैं
हमारे लिए वो मसरूफ़ हैं
कभी ये कभी वो फ़साने
उनके बहाने भी बड़े खूब हैं!!

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