चारों ओर ये हाहाकार क्यों है
रोता बिलखता हर परिवार क्यों है
ये माना मैंने कि शासन संभालना आसान नहीं,
अपना अस्तित्व बचाने के लिए सरकार जो कर सके वो करती है,
पर जानें तो जा ही रहीं है
वो शख्स जो गया है अपने घर से,
आज उसके इंतजार में ही किसी की आंखों में नींद तक नहीं है
क्यों ख़ुद की जान से सौदा कर,
आज अपना मुल्क बचेगा
और हार भी गए ,तो ताउम्र एक खोफ रहेगा
ये कैसा मंज़र है ..
आगाज़ करने से पहले सब साथ होते है,
अंजाम होते ही साथ छोड़कर अकेला कर दिया जाता है
क्यों कभी कभी समझोता करना इतना मुश्किल हो जाता है,
कि अपना मुल्क बचाने के लिए हर जवान शहीद होना चाहता है
— % &
-