सबकुछ ख़त्म होने के बाद भीं
एक ज़माना लगा हमारी कहानी को ख़त्म होने मे-
मेरे जीवन को पूरा कर रहे है...
हर बार तकदीर से लड़ा नहीं जा सकता
हर किरदार मे खुदको रखा नहीं जा सकता
इस कहानी मे अब मेरा बदल जाना ही बेहतर होगा
क्यूंकि अब और झूठे वादों मे खुदको कसा नहीं जा सकता-
ज़ब भीं नींद लेती हूँ
तेरे ख़्यालो मे ख़ो जाती हूँ
ज़ब भीं मुस्कुराना चाहती हूँ
खुदकी आंखे नम पाती हूँ
मैं अब पहले जैसी नहीं शायद
यें खुदको अक्सर बताती हूँ
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किसी ने कुछ ऐसा पूछा
मेरा जैसे दिल टुटा
जो ख़्वाब था शयद ज़िन्दगी का
वो भ्र्म पल भर मे टूटा-
लगती है उधार की ज़िन्दगी
जैसे हो एक सवाल सी ज़िन्दगी
पल भर भीं भरोसा नहीं है इसका
और जीनी है हमें एक ख़्वाब सी ज़िन्दगी
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लेकिन सफ़र मे रखना
हार जीत की ही बात नहीं शयद
दिल असमंजस मे है शयद
हर ख़्याल से खुदको बचा के रखना
खुदको हमेशा संभाल कर रखना
बिखर जाना समाधान नहीं
हर बार जीत पाना आसान नहीं
लेकिन हार को भीं स्वीकार मत करना
तुम स्वाभिमान को साथ मे रखना
खुदको संभाल कर रखना
समेट लेना बिखरे हिस्सों को भीं
खुद का हर टुकड़ा भीं सहेज कर रखना
खुदको समेट कर रखना
neha rahi-
मुझे एक किताब लिखनी है
उसमे दिल की हर बात लिखनी है
लफ्ज़ो से नहीं करना बयां
अब कलम के साथ लिखनी है
मुझे एक किताब लिखनी है
यूं तो भुलाई गई कई बातें है
लेकिन जो याद है वो हर बात लिखनी है
यूँ नाप तोल कर क़्या लिखें
के यूँ नाप तोल कर क़्या लिखें
मुझे तो ज़ेहन की हर बात लिखनी है-