सुनी राहों पर चल पड़ा है मन, कुछ चाह बाकी है,
दिल के किसी कोने में, एक आस अभी बाकी है,
ढूंढता फिरता है किसी को तो इन गलियों में,
जलकर भी जो बुझा नही, वो आग अभी बाकी हैं।।-
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
रही है..
➖➖➖
ज़रा देखे हम मुसाफिर को किस ... read more
अपनी आंखो की गहराई में मै तुझे रखती हूं
हर शाम मै तेरा इंतज़ार किया करती हूं
नम आंखों से अश्क का इकबाल किया करती हूं
कुछ इस कदर मै दिल ए इज़हार किया करती हूं
हर पन्नों पर एक तेरा नाम लिखा करती हूं
हर पल ज़हन में तेरा ही ख्याल रखा करती हैं
हर पल मै टूटती बिखरती रहती हूं
फिर खुदको समेटकर नई शुरुआत किया करती हूं
बिन तेरे भी मै तुझे प्यार किया करती हूं।।
-
मै अबला हूं पर कमज़ोर
नहीं हूं,
थोड़ी सख़्त हूं पर भाव विभोर
नहीं हूं,
मै भी पिघल जाती हूं, मै कठोर
नहीं हूं,
ना समझना मुझे तुम कोई खिलौना,
जवाब देना भी जरूरी है
इसमें....मै कोई गुनहगार नहीं हूं,,,।।
-
वो मिला नही,
मैने चाहा था सुकून के पल,
इसके लिए भी गिला नहीं,
हां बस इतना करना की,
सब रहे खुश...बाकी और
किसी की इल्तिज़ा बची नही।।
-
तेरे साथ सफ़र और भी सुहाना हो गया,
तेरे होने ना होने पर भी मेरा दिल तेरा दीवाना हो गया,
बीत जायेगी ये ज़िंदगी की कठिन डगर भी,
तेरे मिलने के बाद ही तेरी यादों से भी याराना हो गया।।-
हयात-ए-इंतिसाब उस शक्स के नाम की है
जिसने सजदे में अपने काबुल-ए-दुआ की है-
शाम वो दोस्त हैं,
जो कभी साथ छोड़ती नही,
बीत जाए दिन भले,
फिर भी आस वो तोड़ती नही,
हर शाम एक पैगाम लिए ही
तो आती है,
देती है जो जिंदगी,
वो कभी घात करती नही..!!-
जो किसी ने बोला नही,
वो राज़ ए इश्क़ हम छेड़ेंगे,
दबी दबी बातों की मीठी
सी शहद हम घोलेंगे,
अजनबी ही थे तुम
और अजनबी ही हो,
पर पता नहीं ये दिल हमारे
कब तलक जुड़ेंगे।।-
आखों की जादूगरी हम पर भी छाई
कुछ हमने कहा नहीं
आंखे खुद अल्फ़ाज़ बन गई..
-