Ae musafir tera zikar jis bhi mehfil me shuru ho jaye wahan ghanton sitam or zulm pe Waah Waah ho jati h.
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नेकी करने का असूल है।
बोलती कम हूं
पर शब्दों से खेलने का शौक है।
रिश्तों म... read more
Sometimes life is all about loosing yourself to someone, to whom you are definition of your sum total of your flaws .
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ना मैं सही ना तुम गलत
हालत तो देखो!
ये बात करने का वक्त ही कितना गलत ।।
अगर बचकानी बातों पे हम रूठ भी गए
तो तुमसे तर्क करते करते मान भी गए।।
यूं नही हैं की मुझे तुमसे जीतना ही है
दरसल मुझे तुमसे तुम्हें जितना है ।।-
Love comes into your life in an unexpected form and leaves you with its essence on unnamed relations.
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कुछ कमी है या यूं ही इन आंखों में है नमी ।
किस्से सुनाऊं तुम्हें या दिल की ख़ामोशी ।।
कहने को तो अलाफ्ज नही मिलते मुझे ।
लिखने को खयाल में ही शब्द डूब जाते मेरे ।।
हाल सुनाते वक्त मन ही मेरी सुनता नही
"अक्स" तुम्ही आकार पढ़ लोना खामोशी मेरी ।।
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अब हमारे जताने से आपको रास आ जाए तो क्या बात ।
बात तो तब है जब हमारे जज़्बात हमारे खयाल में ओझल हो और रास सिर्फ तुम्हें आए हर बार ।।-
मत पूछो हमे कितनी नफरत हो गई है आपसे
लड़की होकर उमर में छोटे क्या हुए आपसे
आपने तो हमारी तालीम का ही सौदा कर लिया ।।
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महीनो बाद जब मां ने पूछा बेटा घर आते वक्त कुछ किमती पीछे छूट गया ?
मुस्कुरा के मैने कहां " कुछ लम्हे , यादें , लोग और शहर पीछे छूट गए " ।।-
बैठे रहे सारी रात खयालों में तुम्हारे ,
कायनात ने कहा ,"लिख डालो ना उसकी यादों में "
और फिर आंखों के सितम ने कह डाला की,
तुम्हारे लिए पूरी कायनात आ खड़ी हुई
हमारे लिए दो गज की जमीन ही काफी रही ।।
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