चलो आज फिर से जी लेते हैं
रुकी हुई जिंदगानी को फिर से चलाते हैं
चलो फिर से एक बार दोस्तों के साथ गप्पे लडाते है
चाय और सोडा की टपरी में खो जाते हैं
ऑफिस के जिंदगानी दूर चलो चलते है
चलो आज फिर कॉलेज वाले बच्चे बन जाते हैं
चलो फिर एक बार क्लास बंक करते हैं
बिना पैसे के मॉल घूम आते है
किसी गिटार तो किसी मूवी हॉल के बाहर घूम आते हैं
चलो आज फिर से जी लेते है
चलो रोड पर बैठे बैठे लड़की (लड़को) को ताड़ लेते हैं
चलो बिना किसी उम्मीद के रोड चल रहे छोरे (छोरियों)पर दिल हार बैठते है।।
चलो आज फिर से जी लेते हैं
दोस्तों के साथ वाली वो ट्रिप कर ही लेते हैं
जिसके सपने बचपन से देखते हैं
चलो फिर से वही जिंदगी जी लेते हैं
जहां कैरियर की फिक्र होते है
पर कोई शाम नही जब दोस्तो के साथ तफरी के बिताते है
चलो आज फिर से कॉलेज के बच्चे बनते हैं
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कुछ वक्त हमें भी तों दीजिये
फिर पहचान लेना ये
आसमां ... read more
माना कि दोस्ती का पहला कदम बढ़ाया मैंने था
पर मुझे इश्क़ का मतलब सिखाया तुम्ही थे।
माना कि मिलने की बेकरारी मुझमें था
पर पहली बार बाँहो में भरा तुम्हीं थे।
माना कि नजरों को नजरों से मिलाया मैंने था
पर पहली बार होंठों से होंठो को मिलाया तुम्ही थे।
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कुछ तो दीवानगी हैं इस तिरंगें में
युही नही हर कोई लिपट सकता हैं तिरंगें में
लहू से लिखी गयी हैं शान इसकी
ना जाने कितने माँ ओ की हुई सुनी खोक इसमे
हर कोई रंगा है आज़ादी के महोत्सव में
कितना प्यार लग रहा देश मेरा
हर घर रंगा तीन रंग में
आज़ादी महोत्सव की शुभकामनाएं-
हम मतलब से याद किये जाते हैं यारों
और वैसे भी लोग हमें याद करे भी क्यों।।
एक दिन बैठेगे सबके ख्यालो में हम भी यारों
अभी तो उड़ान भरी हैं
बस थोड़ा सा सब्र कर लो।
आसमां को मुट्ठी से छू तो लेने दों।।-
यहाँ हर एक अपनों के चेहरे के पीछे एक चेहरा हैं
जिसे आप अपना समझो वही पीठ पर खंझर मारा हैं
हर किसी ने हमारी चुप्पि को कमजोरी समझा हैं
हम तो यूही रिश्ते निभाते रहे अपनों के साथ
और वो मेरे ही बर्बादी का साजिश रचते रहे हैं।।
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फुर्सत से करेंगे फुर्सत की बातें
किसी रोज तुम फुर्सत से मिलो फुर्सत में-
ना इश्क़ जानती हूँ ना प्यार का मतलब समझती हूँ
बस तेरे मुस्कुराते चेहरे में उस रब को देखती हूँ।।
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चलो एक नई शुरुवात करते हैं
फिर से हम तुम अजनबी बन जाते हैं
फिर से तुम मुझे मैसेज भेजना
और मेरे रिप्लाई पर खुश हो जाना
लेकिन चलो इस बार कुछ शर्तें रखते हैं
न तुम जमाने का हवाला देना
न हम तुमसे कोई उम्मीद रखते हैं
बस ये शुरुवात नई करते हैं
जो पल हैं उसमे बिना गलतियां गिनाये जी लेते हैं
चलो एक नई शुरुआत करते हैं।।
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वीरो के बलिदान को याद कराने आया दिन
हम सब को गणराज्य का मतलब सिखाने आया दिन
सम्पूर्ण हिन्दुस्तान की झलकियां दिखाने आया दिन
हम सब मे उमंग और जोश भरने आया दिन
🇮🇳 गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ🇮🇳
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खुद पर हँसने का हुनर सिख रही हुँ मैं,
जमाने को भूलने का आदत जो हैं।।
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