सोचा न था, ये सफर इतना खूबसूरत होगा,
आखिर तक आते आते, इतना गमगीन होगा...
वो हर रोज गुड मॉर्निंग सॉन्ग गाकर टीचर को विष करना,
और फिर नेहा मैम का उसी ट्यून में हमें वापस विश करना
वो, टीचर क्लास में न होने पर, छिपके से टिफिन खाना,
और फिर प्यार से आशा मैम का हमें अनदेखा करना,
वो पेन से पेंसिल में कन्वर्ट होने वाली फीलिंग
वो असाइनमेंट कंप्लीशन न होने पर मीना मैम और रूपाली मैम की प्यार वाली ग्रिलिंग।
वो एक ही बेंच पे अब 4 कहां बैठ पाएंगे....
वो एक ही बेंच पर बैठने के लिए
प्रियंका मैम से कहां लड़ पाएंगे....
कल से न कोई अलार्म बजेंगे,
न ही सुनाई देगी स्कूल की बेल...
अब तो बस रहेंगे खुद से ही पूछते, बेटा आर यू वेल?
समझ नहीं पा रहे, आज खुश हो या मायूस, क्या आज भी आप आयेंगे हमारे ये बहते आंसू देने पोंछ?
जानते है की ये सफर बढ़ता चलेगा,
यादों का कारवां बस चलता चलेगा
न जाने क्यों एक हिस्सा इस जिंदगी का,
आज छूट सा रहा है
होगा भी क्यों न आखिर दिल का एक हिस्सा,
जो टूट रहा है
आखिर में बस यही कहेंगे हम
की साथ देना हर दम, चाहे कल हो ना हो हम।
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