Neha Kumari   (Neha kumari)
36 Followers · 42 Following

Joined 5 September 2021


Joined 5 September 2021
2 APR AT 18:45

एक खुबसूरत गाँव ऐसा भी

-


2 APR AT 18:14

बालों को उलझ जाने दो
हवाओं की रूख में उड़ने दो
मीठे ख्वाबों में घुल जाने दो
तेरी मेरी कहानियों - सा
इन्हें भी एक कहानी लिख लेने दो...

-


15 JAN AT 18:03

जंगल है पर पेड़ नहीं
शोर है पर पक्षी नहीं
जल है पर जीवन नहीं
गम है पर आँसू नहीं
सूरज है पर किरण नहीं
प्रेम है पर त्याग नहीं
बारिश है पर बूंदें नहीं
कागज है पर स्याही नहीं
सब है पर फिर भी कुछ नहीं...

-


17 AUG 2023 AT 9:41

"ख्वाब में तुम"

रंगू मैं तुझको हवा बनके
साँसों में जाऊँ फ़िजा बनके
हम तेरे ख्वाबों में ख़्वाब बन जाएँ...
और तेरे हर सांस की सुकून...
होगी कभी चाहतों का सवेरा...
धरा और वर्षा की मिलन - सा ...
मैं कर दूँ खुद को तुझमें गुम...
और फिर मिल जाए खुद से...
हो रही धीरे धीरे रातें बर्फीली...
हमें करीब लाने को...
पर तुम अब भी हो खड़े कहीं...
तन्हाई के ख्वाबों में खुद को सौंपे....

-


25 JUL 2023 AT 13:56

प्रीत संग हूँ मैं..
जैसे वर्षा की बूंद धरा में..
और धरा की सुगंध मिट्टी में..
पत्ते हवाओं में शोर करते ख़्वाबों में...
रात में शर्माता चाँद शीतलता में...

-


25 JUL 2023 AT 10:17

" रात "

रात अच्छी है पर मैं नहीं
अंधेरे में कहीं गुम हूँ
बेचैनी के साथ लिए ...
बताऊँ किससे? खुद से या खुदा से
नयी किरण के लिए...
सुकून भरी रात आज आई है
संग मीठी मीठी नींद लाई है
पर मेरी आँखें अब तक कहीं डुबी है ...
मनाने दिल को सड़कों पे हूँ खड़ी...
तारे भी आज खोए - खोए हैं
जाने किस गली में छिपें हैं ...
खुद से कई सवाल कर...
जवाब की अब चाह नहीं...
एत्माद पे धूल - सी है जम रही ...
हटा पाऊँगी क्या अब इसे?
चलो चलें अब नींद की बाहों में...
भोर हो जाए उससे पहले...

-


23 JUL 2023 AT 23:01

ख्वाहिश है मुझे तेरी ख्वाहिशों का
शोर में तेरी मौन का...
गालों पे गिरी बूंद की वजह मिटाने का...
सन्नाटे में आवाज तेरी धड़कन का...
तुम्हारी अनकही बातों में ...
मेरे साथ का....
ख्वाहिश है मुझे तेरी एक झलक का...
हमारे बीच हो रहे परिवर्तन को...
रहस्य रखने का...
तुझे पाकर भी तुझसे मिलन की इच्छा ...
है ख्वाहिश रखने का....

-


23 JUL 2023 AT 19:11

आसमाँ

कौन आ रहा आज आसमां में ...
आसमां में मिल जाने को...
बादलें बनाने आए रंगोली...
सूर्य अस्त में फूल बिखेर रहा...
चंद्रिका शीतल करने जल्दी आई है...
हवाएं सब में इत्र घोलने को आए...
पक्षियों नें अपनी आवाज से संगीत बना रहे...



-


23 JUL 2023 AT 18:01

'तुम'

कुछ दिनों बाद...
आज फिर से तुम आए..
मेरे ख़्वाबों की गली में..
चुपके और धीरे से...
तितली की तरह...
फिर से चले जाने को ...
आज बातें हुई तेरी आँखों से...
शिकायतें तो काफी थी ...
पर वक्त कहाँ था तेरे पास..
खुद को तुझमें समा रही...
एक मुस्कान के साथ...
फिर से तितली-सा उड़ गए...
मैं फिर से तेरी इंतजार में...
रातों को खुद के साथ जगाए रखी....
उम्मीद लगा नहीं रही तुझसे..
बस सच जानते हुए भी...
खुद को तुझमें गुम कर रही...

-


23 JUL 2023 AT 17:32

इलायची 🥲

-


Fetching Neha Kumari Quotes