Neha Kitaabi   (Kitaabi)
371 Followers · 163 Following

Joined 9 June 2020


Joined 9 June 2020
14 JUL 2023 AT 23:16

मलाल नही करता अब बस सवाल करता हूं
हाल न पूछो मेरा मैं खुद को बेहाल रखता हूं

मरे हुए रिश्तों का अब ख्याल क्या.. करना
अरे मत पूछो कि क्या - क्या बवाल करता हूं

जाने क्यों सन्न हैं सब लोग मुझे सोच सोच कर
अब देखिए न जाने मैं.. क्या कमाल करता हूं

सताया हुआ हूं बहुत अब और कितना सताओगे
आती है जब..
रौ जज्बातों की इस दिल को निकाल रखता हूं

-


15 MAR 2023 AT 21:21

कहां किसी पर मैं गौर करता हूं
मैं दिल अब कहीं और रखता हूं
अरे उड़ते हैं यहां बहुत से लोग
मैं तो अदना बस जमीं पे चलता हूं

-


21 JAN 2023 AT 18:24

जहां पहली कलि चटकेगी
और ओस मोती सी दमकेगी
हार सिंगार झरेगा...और
धूप बचपन सी खिलेगी
जहां खुशबू लिए बयार बहेगी
पेड़ों से कुहासे की चादर हटेगी
और..आसमां के छोर पर
संतरी सी आभा खिलेगी
घंटे की गूंज से गूंजेगा ये गगन
मोर के गीत होंगे और
होंगे कन्हैया के चरण....
बांसुरी के सुरों में डूबी होगी...
एक सुबह.. ऐसी ही
होगी..जो
मेरे हिस्से में होगी...

-


16 JAN 2023 AT 12:53

When my mum ❤️Feels happy...and Smiles Beacause of me.

-


15 JAN 2023 AT 23:16

अगर नज़रों से दिख जाते दिलों के राज़
तो... ना जाने कितने रिश्ते तबाह होते
न दोस्त होता कोई न होता कोई अपना
हम ही हमदर्द और हम ही गवाह होते

-


14 JAN 2023 AT 8:20

ऊपर से देखो तो.. सब अच्छा है
तुम अजनबी ही रहो तो अच्छा है

झूठ ही झूठ है फैला हर जगह
इस जहां में कहां कोई सच्चा है

बड़े तो हो गए पर.. बड़े न हो पाए
क्या करें कि दिल तो अभी बच्चा है

समझ में नहीं आते ये दुनिया के दांव पेंच
दिमाग शायद.. अभी थोड़ा सा कच्चा है

घूम लो अच्छाई की तलाश में चाहे जितना
तुम्हारे दिल में नहीं तो कहां कोई अच्छा है

-


13 JAN 2023 AT 13:50

विष का प्याला जो पिया प्रेममयी मीरा ने तो...
विष को अमृत कर प्रीत निभायी.. कान्हा ने
मैया यशोदा हो, राधा हो या फिर हो सुदामा
सूर हो,मीरा हो,नरसी हो या फिर हो श्री दामा
निसंदेह प्रेम ने भाव और स्वरूप बदला है
फिर भी हर युग में प्रीत निभाई ..कान्हा ने

-


5 JAN 2023 AT 21:58

इक सैलाब भीतर मैंने
तुम किनारे पर रहकर ही बात करना

कविताएं मेरी बताएंगी इस दिल का रास्ता
हो सके तो कुछ देर और साथ रहना

-


3 JAN 2023 AT 17:11

आज बादलों से मुलाकात की मैंने
कि इस तरह सुबह से शाम की मैंने

क्या सोचते होंगे वो ये पता तो चले
यही सोचते शाम से रात की मैंने

रात अकेली भला करती भी क्या
रात की रागिनी को तान दी मैंने

कोई क्या कहेगा इससे बेफिक्र
बिन कहे बार बार जान दी मैंने

इंतज़ार रहा तुम आए ही नहीं
आज खुद से ही बात की मैंने

-


2 JAN 2023 AT 18:05

No one's Heart can be
won by scaring someone..
Heart can be won
only by showing Kindness..
This is a jewel..
that not everyone has..

-


Fetching Neha Kitaabi Quotes