Neha Ki Shayri   (✍️ It's_Neha)
988 Followers · 960 Following

Believe in yourself 🍁
Joined 14 September 2020


Believe in yourself 🍁
Joined 14 September 2020
27 SEP 2021 AT 7:05

ढूंढता रहा कमियां दूसरों में
खुद को ना कभी तराशा है
हंसता था लोगों के तमाशे पर
अब खुद की जिंदगी तमाशा है

-


13 SEP 2021 AT 18:45

इस दोगले समाज मे स्त्री का चारित्र्य
उसके स्वभाव एवं कर्मो से नहीं मापा जाता..

आज भी स्त्री को अपनी
पवित्रता का प्रमाण देना पडता है...

जो लोग अपने जीवन में कर्मकांड कर के बैठे हैं
वह भी एक लडकी या औरत के बारे में
भला बुरा कहने से नहीं चूकते..

ऐसी दोगली विचारशैली वाले लोग
कभी किसी को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते
वास्तव में इनकी सोच ही इनकी मानसिक बीमारी है...

-


1 SEP 2021 AT 19:35

यहां इंसानों के चेहरे बहुत है,
समझ नहीं आते गहरे बहुत है,
और मोहब्बत की तो बात ही ना करो,
बेवफा की गलियों में हम ठहरे बहुत हैं।
💔

-


13 AUG 2021 AT 17:04

आज जिन दोस्तो के लिए
अपने मां बाप से लढ़ते हो
कुछ साल बाद बोलोगे👉

साले इतनी एडवाइस देते थे
अब मुश्किल वक्त में परिवार
साथ है मगर दोस्त नहीं🙌

परायो और अपनों में
बस इतना सा फर्क है
दोस्त सलाह देकर निकल जाते हैं

और मां-बाप सलाह दे कर
तब तक साथ रहते हैं जब तक
उनकी सलाह सही ना ठहरे...!

क्योंकि मां-बाप की सलाह
गलत हो सकती हैं
पर उनकी नियत कभी नहीं...!

-


13 AUG 2021 AT 13:33

तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी,,
बता ना तेरे राज़ ए जिंदगी,,
कुरबान हो या नाराज हो जा मुझपर,,
कभी प्यार तो कभी बेरुखी,,
मुझसे नहीं हो रही रास ये जिंदगी,,।

क्यों इतना थका रही है,,
राहें मुसीबत दिखा रही है,,
जीना हमे सीखा रही है,,
या मौत के गले लगा रही है,,
दरखास्त है निखर आ या मुरझा जा ए जिंदगी,,।

-


3 AUG 2021 AT 7:42

माना कोई किसी के बगैर मरता नहीं,,
लेकिन महज सांसे चलना जिंदगी तो नहीं..!

-


31 JUL 2021 AT 17:21

अल्फाज ये होठों के
वही रुक जाते हैं
मन मे यादों के
बवंडर छा जाते हैं...

भीग जाती है पलके
पल खो जाते है
सूखे दरिया-ए-इश्क
रास्ते सुने हो जाते है...

खाली इस दिल की
धड़कने रूक जाती है
दो प्रेम पंछी
जब दूर हो जाते है...

दिल से मोहोबत कर
छोड़ देना आसान नहीं
जिस्म हो भले जहां
पर रूह रहती साथ नहीं...

यह अनगिनत यातना
मैं सहूं कैसे...?
नेह दूर कर के अब
संग वियोग जियो कैसे..?

-


27 JUL 2021 AT 11:19

नारीत्व भूली नारी,,
तहजीब भुला इंसान।
ना प्रेम समर्पण सहनशीलता,,
नाहीं बड़ों का सम्मान।

भारत का गौरव,,
मानवता की ढाल।
टूटी संस्कारों की माला,,
बिखरे मोती लाख सवाल।

इंसानियत मिटती गई,,
धर्मों में बटती गई।
भेद ये गोरा काला,,
सर्वत्र हिंसा आक्रोश ज्वाला।

आओ समेटे नेह मूर्ति,,
प्रेम बनाए अमन यहां।
अदब से रहे हर व्यक्ति,,
सभ्यता से भरा हो जहां।

-


27 JUL 2021 AT 9:53

गुमान है मुझे हिंदुस्तान मेरी जन्मभूमि है,,
और गर्व है मुझे मैं "महाराष्ट्र" में जन्मी हूं...

-


26 JUL 2021 AT 17:03

मैं तराशती रही खुद को तेरे लफ्जों में,,
और तूने अपनी शायरी में किसी और को बिठा लिया..!
💔

-


Fetching Neha Ki Shayri Quotes