हां कुछ ऐसे देख लिया यूं खुद को मैंने टूटते हुए
ना जाने कितनी ख्वाइशों को पल पल खुद से रूठते हुए
उन गैरो को बना अपना और उनके ही हाथ छूटते हुए
रूठना मनाना मेरा शौक हो गया
और वो चोर भी छोड़ दिए मेरा सुकुन लूटते हुए-
टूट रही थी किस्तों में
उलझी खुद में या खुद के इन रिश्तों में
देख देख राह निराशा लगी हाथ मुझको
मिलेगा मुझे भी या देती रह जाऊंगी साथ में तुझको
इश्क मोहब्बत प्यार में खोई बात उनकी ही में जान सकी
खोजती रही खुद को उसमे और खुदको ही ना पहचान सकी
मन मेरा जब परिंदा यूं बनता है
मुझसे छूटा और मुझको ही अंधा कहता है
उड़ते रहे पंख कहीं अब आशाएं भी ना उड़ जाए
भाग रही मंजिल पे जिसकी वो राहें ही ना मूझसे मुड़ जाए
भावनाओं को खुद में दबोचे मैने कैसा जीना सीखा है
कहां रह गया मेरा अपना था जो यहाँ तो सब कुछ फीका है
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Hum khojte khud ko khud se
Khud khud hi khud m kho gye
Hme khud hi khud ki kismat likhni thi
Hum kyu chhod bhrose khuda k khud so gye-
Naa smjh ke is nasmjhi m
Dekhi kitni doori h
Arse beete dekhe unhe
Ab ek mulakat bhi zaroori h-
Kisse bn chuke kai hmare
Sayd koi kahani bn rhi h
Jaan pao frk pyar or mohbbat m
Sayd uski hi koi nishani bn rhi h........-
Shiv tumse milkr jana jeevan ka sch sara h
Satya Shiv ke kadmo pr mera to sahara h-
भूल से ही भूल जाएं उन्हें ऐसी दुआ करते हैं
इस नाकाम दुआ में हम लाखों बार मरते हैं-
People never leave when they fed up
They leave when they fed up with the same person-