एक उम्र गुजार दी
सबकी फिक्र करते करते.........
पर हर घर में मां की जगह न ले पाया
पिता की तरह कठोर हमेशा रहा
पर आईने में खुद के दर्द भी न दिखा पाया-
एहसास दिला दिया उसने यार
एहसानो के रिश्ते नहीं होते
मिल जाता है जिसको बहुत जल्दी कुछ
उनके लिए एहसास सिर्फ सस्ते होते ।।-
आदमी खुद से परेशान है
खुद की उम्मीदों से परेशान है
उम्मीद की अनदेखी से परेशान है
अनदेखे एहसासों से परेशान है
एहसासों की रोशनी से परेशान है
रोशनी के वजूद से परेशान है
रोशनी में प्यार मिले या अंधेरे में परछाई मिले
आदमी सबसे परेशान है-
तुम तो आगे बढ़ गए, नए लोगों से मिलकर
जिंदगी के नए पनने लिख गए ,कुछ लोगों से मिलकर
हमने जिंदगी खाली कर दी
दूर बैठे लोग कहां रोते हैं ,साथ मिलकर-
ना जाने आज दिल क्यों रो रहा है
खूबसूरत है मन,मिल गई धड़कन
अपनों से मिलन ,मिल गया खोया हुआ प्यार
फिर भी ना जाने दिल क्यों रो रहा है ??-
बेसब्र बेठा है कोई किसी के इंतजार में
ठुकरा दिया उसने अपने पिता के अहंकार में
कोई पागल ही था जो उसके पीछे पड़ा था
वक्त बताएगा क्या यह सही था इंकार में !!-
खबर है हमको तुम क्यों पास आए हो
फिर से एक होने की क्यों आस जगाए हो
यह नया रास्ता बहुत टूटा बिखरा है
क्यों पुराने रास्ते पर मुझे लेकर आए हो-
एक बात बताओगे,
क्या दिखावे में किसी प्यार को अपनाया है
क्या खामोश रहकर किसी ने समझाया है
दूसरों को जिंदगी में लाकर, तुम्हें प्यार है मुझसे
मेरे ही प्यार को मेरे तरीके से आजमाया है ।।-