खूबसूरती को नापाकी में
बदलने का हुनर रखते हैं
ये कौन से लोग हैं
जो गुनगुनाती धड़कनों को
खामोश करने का हुनर रखते हैं
जुनून है कैसा
कि दिखाई कुछ नहीं देता
हँसते मुस्कुराते चेहरों को
लाशों में बदलने का हुनर रखते हैं
नाम पूछ्ते हैं
काम बताते नहीं
अल्लाह की पाक अज़ानों में
चीख़ों को घोलने का हुनर रखते हैं
हरे रंग में भगवा मिला दो
तो मिट्टी का रंग हो जाए
ये मिट्टी को मिट्टी से ही
अलग करने का हुनर रखते हैं
दिल कांप उठता है
नज़ारे देख कर जो
ये वादियों , गुलिस्तानो को जाने क्यों
बंजर में बदलने का जुनून रखते हैं
ओर कोई तो इन्हे समझाए
कि सवेरा तो
अज़ानों-घंटियों में फ़र्क़ नहीं करता
ये कौन से ज़ालिम हैं
जो खुद को
ऊपर वाले से भी ऊपर
समझने का भरम रखते हैं-
Ki mere ankahe shabd koi padh le zara
मुस्कानो पे तेरी सदके
चिल्लाने पे तेरे सदके
बुलबुला तू मोहब्बत का
गुदगुदाने पे तेरे सदके
गले लगू तो हर गम भूल जाऊं
हर मुश्किल में तेरे पास आऊँ
तू माँ सी, बड़ी बहिन है
दोस्त हर किसी की हर दम है
साईं साईं करते तेरी आंखें बहतीं
साईं साईं कहते तू प्यार सबसे करती
तुझसा निश्छल कौन कहाँ हो पायेगा
दिल मेरा ई लव यू तेरे लिए गाऐगा
Happy Birthday Didi❤️-
राम राम के नाम से देखो
जग गू़ंजा, आँगन गू़ंजा
राम राम के नाम से देखो
मन झूमा, हर जन झूमा
हाथ से हाथ मिला देखो
लगे हैं सब तैयारी में
भोर है आज दिवाली की
मेरे राम लला के आने की
मन में हनु की भक्ति लिये
अहिल्या सी बाट जोते नयन
शंख के नाद पे नाचे
शबरी का प्रेम करे अरपण
राम से जीवन का प्रारंब
राम ही हैं हर पल हर क्षण
राम राम की माला जपते
बीत रहा देखो जीवन
आये राम मेरे आये राम
दीप जले हर घर आँगन
नभ से है धरती तक
देखो भगवा ही एक रंग
जय श्री राम !!-
लड्डू की मिठास हो, मठरी सा खस्तापन
दीपों की माला सा, जगमगाये जीवन
रंगोली के रंग चेहरे पे खिलते रहें
पटाखों के उल्लास सा, हर दिन रहे रौशन
दीपावली की शुभकामनाएं!!
- Neha, Ashok, Ishaani & Raadhika-
लफ़्ज़ों में खुद को ढूंढ कर
सरगम पे रख दिया
हर्फ़ों में खुद को तोड़ कर
एक शेर पढ़ दिया
ढूंढूं तुझे खुद में
कि खुदको पा लूं तुझमें
वो कहते थे मोहब्बत
मैंने कविता कह दिया
-
तेरी भक्ति में भीग जाऊं
कान्हा, मैं तेरा माखन हो जाऊं
तेरे हाथों में थोड़ी सी जगह जो पाऊं
कन्हैया, मैं तेरी बन्सी हो जाऊं
तुझको देखूं बस तुझको ही चाहूं
कृष्णा, मैं तेरी राधा हो जाऊं
तुझ संग गोकुल में रास रचाऊं
हे गोविंद, मैं तेरी गोपी हो जाऊं
तू मुझमें विराजे तेरा दर्शन मैं पाऊं
तेरी भक्ति, मैं और क्या चाहूं?
तेरे चरणों में लीन बस रह पाऊं
मेरे गिरिधर, मैं तेरी मीरा हो जाऊं
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हाथ में हाथ थामें
छूकर महसूस करने वाली मोहब्बत
लफ़्ज़ों की सुर्ख चादर पर
झूलने वाली मोहब्बत
उंगलियों में तितलियों को
पकड़ने वाली मोहब्बत
से फिर
जिम्मेदारियाँ समझने वाली मोहब्बत
आंखों के ईशारों वाली मोहब्बत
रूठनें मनानें वाली मोहब्बत
सुननें बताते वाली मोहब्बत
से फिर
सम्भलने संभालने वाली मोहब्बत
बालों में चंम्पी वाली मोहब्बत
बिन कहे समझ जाने वाली मोहब्बत
एक के रहने और एक के जाने वाली मोहब्बत
यही तो है मोहब्बत का सफर
क्या आपको हुई है ऐसी मोहब्बत
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प्यार के पीछे दीवाने हुए फिरते हैं लोग
दिल के हाथों अपनों से बेगाने हुआ फिरते हैं लोग
जवानी की रंगीनियों में बहुत मिलते हैं दिलबर
लड़खडाते रास्तों पे जो थामे
जो रोशन करे ज़िन्दगी की शाम
झुर्रियों से भी मोहब्बत हो जिसे
सच्चा इश्क़ है उसी का नाम
Happy Anniversary Uncle & Aunty!!-
तेरे बिन जीना मुमकिन न हो पायेगा
तुझ बिन कुछ भी न मुझे भाएगा
मोहब्बत की लाली नूर सी चमकती है
एक दिन मेरी मोहब्बत के लिए काफी न हो पायेगा-
प्यार की मोहर क्या सिर्फ लबोँ पे होती है
कि हर्फ़ भी गुद जाते हैं दिल की ज़मी पर
हम इंतेज़ार करते रह गए
तुम इक नज़र से रूह पे फ़साना लिख गए-