Neetika Gupta   (Strategy(नीति-का))
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Creating my own Strategic World 🌍
#neetikagupta
Joined 2 February 2020


Creating my own Strategic World 🌍
#neetikagupta
Joined 2 February 2020
26 APR AT 3:37

सुना है सितारों के आगे भी इक जहां होता है;
क्या उस जहां में भी अपना पराया होता है!?
घटनाएं वहां पहले कुछ हों चुकी है,
तो क्या मुझे अब कोई अपना मिल सकता है।।
काश! कि मैं इस समय से पहले उस दौर में जा पाती,
तो इस गुजरते वक्त में सब कुछ मुस्कुरा के अपना लेती।
किसी ने सुना है, कभी कि खुशफेमियो में खुशियां मिलती होगी?
जिम्मेदारियों के चलते नादान दिल ने भी; सुकून की नहीं जुनून की तलाश की होगी!!

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31 MAR AT 4:28

सुनो तुम हंसते बहुत हो,कभी-कभी थोड़ा बेबाक हो लिया करो।
सभी के अश्क की फिकर हैं तुम्हें, कभी तो खुद के बह जानें दिया करो!!

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21 MAR AT 3:54

रोशनी में क्यूं अंधेरों सा सुकून नहीं होता,
लफ्जों में क्यूं कभी ख़ामोशी का वजूद नही होता।
समय तो टिक -टिक करके आगे बढ़ता चला जा रहा हैं;
न जानें क्यूं बहते अश्को में, वजहों का वजूद नहीं बहता!!

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16 MAR AT 2:28

और क्या था बेचने के लिए, इसलिए थोड़े ख़वाब बेचें है!!
ज़मीं आख़िर कैसे आसमान से मिले, ये उसकी भी मज़बूरी है।
कांच टूटने की तो आवाज़ आती; लेकिन हौंसला जो बिखरे तब उसकी ख़बर किसी को ना होती है,
जब भी कभी गहरे अंधेरा दिखे, तो खुश हो जाना क्यूंकि अमावस के बाद रोशन सुबह आती है।।

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7 MAR AT 2:28

खोई हुई चीजें कहा जाती होगी,
क्या वो भी पुरानी यादों की तरह हार जाती होगी!!
हां, हम सब में हज़ार एतराज और लाखों कमियां है,
लेकिन हमारे नए नज़रिए की तोहिम हमेशा तो नहीं होगी!?

क्या टूटे हुए ख्वाबों का कोई हिसाब करता होगा;
शायद उन्हें भी काले अंधेरे कमरे में दफना दिया जाता होगा!!
ख़बर मुझे भी थी की ज़मीन आसमां साथ तो नहीं रह सकते,
लेकिन जब मेरा हौंसला बिखर रहा था, तब क्या मेरे लिए भी कोई तारा टूटा होगा।।

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29 FEB AT 4:24

जो मेरे हिस्से का था ही नहीं, उसे क्यूं मेरे ख्वाबों में लाया गया होगा!?
कुछ खासियत तो होगी इन खयालों की, जिन्होंने उम्मीदों को यूं जगाए रखा होगा।
क्या खूब करिश्मा होगा वो, जिसमें खुबसूरत हकीकत की रचना हुई होगी;
जिसको जीने के एहसास के लिए, तुमको इतना तैयार किया होगा।।

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3 JAN AT 4:09

बदलते हुए मौसम में, तुम्हारा ठहराव ज़रूरी है;
हवा का झोका कितना ही तेज़ हो, वृक्ष सा विश्वास ज़रूरी है।।

उतार चढ़ाव है सभी की जिंदगी में, कुछ आगे तो कुछ पिछे होते ही रहेगें,
तुम्हें कहा धीरे होकर, किसका इंतज़ार करना हैं;ये फैसले हमेशा तुम्हारे रहेंगे।

कुछ बातें होंगी जिसकी ख़बर शायद तुम्हें नहीं होगी,
लेकिन भरी पलकों और झुकी नज़रों पर एतबार ना करना; मर्ज़ी तुम्हारी होगी।

शायद जीत तुम्हारी न हो, लेकिन हार फिर भी उसकी होगी;
क्यूंकि तुम्हारा शायद गुरूर, लेकिन उसकी आख़िरी उम्मीद भी टूट चुकी होगी।।

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3 JAN AT 3:40

When everyone assumes Communication is the key of any relation!!
I believe, feeling the essence of Silence for one-another is a Master key for infinity equation.

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9 DEC 2023 AT 3:37

ख्वाब कितने मासूम होते है, हकीकत में होकर भी; हकीकत से दुर होते है।
शामें भी तो कितनी सुलझी हुई होती है,
जानती बखुबी है कि दिन ढल चुका है; फिर भी सादगी से चांद को निहारती है।।
अडिग तो सुबह की किरणे भी होती है, कठिनाई चाहें कितनी भी हो, रात के काले अंधेरे को गुजर ही जानें देती है।
मतलब,कुदरत ने तो हमें सभी बातें खूबसूरती से सिखाई, लेकिन फिर भी हमें नियति की 'लिखीं' समझ नहीं आती है।।

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14 NOV 2023 AT 4:20

वो बचपन भी कितना मासूम, जो तेज़ हवा के झोके से डर सा जाता था।
जानें कहा गया वो बचपन, जो पल में रूठ; तो पल में मान जाता था।
खुबसूरत सा पहलू और मासूम सा डर था, न जाने वो कब मुझसे दूर चला गया;!
जल्दी बड़े होने की ज़िद में,और बड़े ख्वाबों को सजाने के लिए महल चाहिए था ना!!
तो चले गया वो बचपन, जिसे ज़िद्दी करना बखुबी आता था।
ज़िद्दी तो थी, हम सब में भी, अपने घर- शहर को छोड़ दुनियां में सुकून ढुढने की!!
शायद किताबों से बाहर निकल कर दुनियां को समझने की गुस्ताखी हमने भी की।
काश की वो पहला पन्ना ही दूसरी किताब का; समझ ही ना आता, तो शायद वक्त - बेवक्त मेरा बचपन मुझसे मिलने लौट आता।।

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