बदलते हुए मौसम में, तुम्हारा ठहराव ज़रूरी है;
हवा का झोका कितना ही तेज़ हो, वृक्ष सा विश्वास ज़रूरी है।।
उतार चढ़ाव है सभी की जिंदगी में, कुछ आगे तो कुछ पिछे होते ही रहेगें,
तुम्हें कहा धीरे होकर, किसका इंतज़ार करना हैं;ये फैसले हमेशा तुम्हारे रहेंगे।
कुछ बातें होंगी जिसकी ख़बर शायद तुम्हें नहीं होगी,
लेकिन भरी पलकों और झुकी नज़रों पर एतबार ना करना; मर्ज़ी तुम्हारी होगी।
शायद जीत तुम्हारी न हो, लेकिन हार फिर भी उसकी होगी;
क्यूंकि तुम्हारा शायद गुरूर, लेकिन उसकी आख़िरी उम्मीद भी टूट चुकी होगी।।
-