एक वही था जो गुनगुनाता था
हंसाता था रूलाता था
सपने दिखाता था,
रूठूं तो मनाता था
नखरे वो उठाता था
दूर कभी जाऊं तो
पास बुलाता था
एक वही था।....…..✍️
नीरजा
- Nirmesh
18 JUN 2020 AT 15:48
एक वही था जो गुनगुनाता था
हंसाता था रूलाता था
सपने दिखाता था,
रूठूं तो मनाता था
नखरे वो उठाता था
दूर कभी जाऊं तो
पास बुलाता था
एक वही था।....…..✍️
नीरजा
- Nirmesh