एक वही था जो गुनगुनाता थाहंसाता था रूलाता था सपने दिखाता था,रूठूं तो मनाता थानखरे वो उठाता थादूर कभी जाऊं तोपास बुलाता थाएक वही था।....…..✍️नीरजा - Nirmesh
एक वही था जो गुनगुनाता थाहंसाता था रूलाता था सपने दिखाता था,रूठूं तो मनाता थानखरे वो उठाता थादूर कभी जाऊं तोपास बुलाता थाएक वही था।....…..✍️नीरजा
- Nirmesh