8 JUN 2020 AT 12:34

दिल की कली मुस्काई थी,
दिल की बगिया हर्षाई थी,
जब मेरे आंगन में तू आई थी
याद मुझे आज भी है,
जैसे कल ही बात हो ये।
मक्खन सी मुलायम तेरी काया,
उसपे काले बालो की छाया।
मनमोहक मुस्कान तेरी,
तुझपे वांरू मैं हर खुशी।
मन की कली मुस्काई थी।

- Nirmesh