मिश्री सी बातें,
देती सुकून,
जब होती बात, तेरे नाम की!
एक मुस्कान चेहरे पे,
खिलती है,
जब होती बात, तेरे नाम की!
हर गम, हर दुःख,
भूलते हैं,
जब होती है एहसास, तेरे नाम की!
हर नगमा, हर पल,
जीते हैं,
जब होती है दोस्ती, तेरे नाम की!-
डर है!
कहीं विवाद तो नहीं बढ़ा दीजियेगा।
अजी! फिर एक हसीं रात होगी,
ढेरों नई बात होगी,
जो भी रह गया था बाकी,
कुछ और नहीं,
सिर्फ इश्क़ की बरसात होगी।-
तेरे साथ हर पल जिये,
ऐसी बात हो जाये,
लबों से लबों की,
बेधड़क मुलाक़ात हो जाये,
भीग जाऊं तुझमें,
इश्क़ की ऐसी बरसात हो जाये।-
छू लूँ तेरे लबों को,
की ये बात आम हो जाये,
इश्क़ में तेरे,
आज हम बदनाम हो जाये।-
तेरी जिंदगी मेरी गीत है,
तेरे बिन कैसे जियूँ,
तू ही मेरी अब प्रीत है,
तेरे रास्तों में है मंजिलें मेरी,
संग तेरे ही मेरी अब जीत है।-
तेरे क़रीब हूँ इतना,
तेरे ख्यालों में जो तू देखे,
उन ख़यालों में जो भी तू सोचे,
ये सब जो शब्दों में न हो सके बयां।
कण के अणुओं में बंध जितना,
तेरे क़रीब हूँ इतना।-
सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है,
शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं।
मुख से न कभी उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं,
जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग-निरत नित रहते हैं,
शूलों का मूल नसाने को, बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को।
है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके वीर नर के मग में?
खम ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पाँव उखड़।
मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।
- राष्ट्र कवि रामधारी सिंह "दिनकर"-
अजी नींद तो महज इक बहाना है,
हमें आपसे मिलने जो आना है,
आपकी ज़ुल्फ़ों के साये में रात भी तो बीताना है,
सच बताना,
कहीं आपके लबों पे तो नही मेरा ठिकाना है?-