वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी
वो छम छम के चलना इतराना मचलना
तुझे देख कर मुस्कुराना फिसलना
तेरी वो भीगी जुल्फें सुखाना
वो जुल्फों का पानी फर्श पर झटकना
वो तेरी अदाएं कसक सी जगाएं
कैसे भुला दूं वो प्यारी सी बातें
जिनके गवाह चांद तारे वो रातें
वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी
मुझे याद आए वो राजा वो रानी
ये ख्वाबों की बातें वो असलन की दुनिया
नजर में हो पर ना नजर आए तुम
भूले नहीं है तुम्हारी कसम
जी रहे मुस्कुराके ओ मेरे सनम
संगदिल तुम ही थे तुम ही रहोगे
रिश्तो के धागों को कैसे जिओगे
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