अगर बोझ समझ लेता मैं,
तुझे
तो आज कहानी कुछ और होती.
खैर अब कैसे समझाऊं तुझे अपने दिल का हाल
जब मैं अपने आप को नही समझ पाता....-
खुब कहा था जमाने ने की मत कर मोहब्बत
इतना किसी से की तु मुझे भूल जाएं,
पर मैं ने भी ठान रखा था याद तो मैं ही आऊंगा एक न एक दिन..।।।-
क्या हुआ अगर वो अब याद न करती तो
मरा तो आज भी nhi हु मैं,
बस फर्क इतना है कि आज जिंदा भी nhi हु मैं..।।
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Tu मोहब्बत ना कर इतना जमाने से ,
की जमाना ही एक दिन कह दे की अब बस कर बहुत हुआ...।।-
जिंदगी हैं आज भी अधूरी सी,
क्यू की,
जिंदगी में जगह किसी और को दी..।।-
फैसला जो भी था तुम्हारा
गलत नहीं था ,
पर गलत तो मैं था जो उसे
सही समझ बैठा....-
लाइफ जिंदगी और पल
सिर्फ एक बार मिलता है ,और तुम इसे भी भूलना चाहती हो ऐ कैसे....-
तुम्हारे लिए जिंदगी के असूल छोड़ा
रास्ते छोड़ा, मंजिल छोड़ा पर ज़िद आज भी बाकी है....-
नाराज़ हो जाते है अक्सर वो लोग
जो मुझे खुश नहीं देखना चाहते,
मगर हम उन्हे अक्सर खुश कर देते है
उनकी नराजगी देख के...-
मुझे परवाह नहीं अब अपनी
तबाह होना चाहता हु,
बस तेरी एक झलक पाके...-