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Daily Kuch naya sikhna.
आईना क्या देगा तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर ,
अभी मेरी आंखों से देखो कितने लाजवाब लगते हो तुम. ..!!!
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अर्ज किया है कि.........
कभी टूट कर बिखरे तो, कहां जाओगे,
कि कभी टूट कर बिखरे तो, कहां जाओगे,
मैं एक हड्डी रोग विशेषज्ञ हूं, यही आओगे....!!
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सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं,
तो चलो उसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं,
अगर वो बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं,
अगर यह बात है तो चलो बात करके देखते हैं...।।-
"होकर मायूस न यूं,
शाम की तरह ढलते रहिए,
ज़िन्दगी एक भोर है ,
सूरज की तरह निकलते रहिए।
ठहरोगे एक पांव पर तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही मगर,
लक्ष्य की ओर चलते रहिए। "
हंसते रहिए , मुस्कुराकते रहिए।
आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए।-
निकला था आरजू लिए, मैं गांव से शहर के लिए।
रो पड़ा देख के उनको, जो लौट रहे थे घर के लिए🚉🛬-
फासले ऐसे भी होंगे सोचा ना था ,
सामने बैठा होगा वह मेरे, पर वह मेरा ना था...!!-
हाल ना पूछो कैसे हैं,
हम बिल्कुल पहले जैसे हैं,
तुम ही बदले-बदले हो,
हम जैसे थे वैसे हैं ,
आके मिल लो ना एक दफा,
आये तुम्हारे शहर में,
जैसे तैसे हैं,
हां होगा कोई वो राजकुमार ,
हमे देख लो हम तो ऐसे हैं...!-