Neeraj Khulbe 'Premi'   (Premi)
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Joined 7 August 2019


Joined 7 August 2019
24 AUG 2022 AT 23:18

रेज़ा-रेज़ा हो गया तेरी संगदिली से वो,
परस्तिश-तिरी को ही उसने,ईमान था बना ड़ाला।

नीरज खुल्बै'प्रेमी'


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24 AUG 2022 AT 22:50

अहल-ए-वफा ना जिसने,
कभी खुद किसी से की,
समझा रहा था मुझको,
वफाई का सबक वो।

नीरज खुल्बै 'प्रेमी'

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23 AUG 2022 AT 22:39

Our perception to others is depends on our thinking... Others may different from our perception.....

Neeraj Khulbe ''premi"

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24 NOV 2021 AT 22:18

पी कर मदहोश हो जाया जाये,
क्यों किसी और को सताया जाये,
मरने की आरजू है तो फकत यूं कर लें,
जिंदादिली से जिंदगी को बिताया जाये।।

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2 AUG 2020 AT 12:22

यादों का ताल्लुक हबीबों से है वरना,
दुनिया में रखा ही क्या है,तमाशे के सिवा।।।

मित्रता दिवस की सभी दोस्तों को बधाईयाँ।

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2 APR 2020 AT 11:08

आदौ राम तपोवनादिगमनं,ह्रत्वामृगंकांचनम्,
वैदेहीहरणम् जटायु मरणम् सुग्रीवसंभाषणम्,
बालिनिग्रणहम् समुद्रतरणम् लंकापुरिदाहनम्,
पश्चाद्रावणकुभंकरणहननम्,एतद् रामायणम्।

भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम सभी के
क्लेश का हरण करें।विश्व का कल्याण करें।
सभी को राम नवमी की शुभकमनाऐं।

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10 MAR 2020 AT 11:23

एक होली ऐसी भी...
अंधेरी काल-कोठरी में....
जीवन में नव आशाओं की....
जो अलख जगाऐ....
धरती की सूनी गोद में....
जो प्रेम का बीज उगाये...
राग-द्वेष,और भेदभाव में....
जो भाईचारा बन जाए...
दिलों में बसी खठासों को...
मधुर मिठासों से जो हटाए.....
एक होली ऐसी भी.....
रंग उडे़ं कुछ झूम के ऐसे....
धरा की चादर बासंती हो....
इन्द्रधनुषी हो रितुराज पधारें,
हो सुरभित-कुसुमित रत्नगर्भिणी....
हास नवल,परिहास मधुर हो....
रस-माधुर्य,उल्लास चहुँ दिशि....
नूतनता का एहसास मधुर हो,
रीति-नीति बहुआयामी हो....
संकीर्ण मनों की सोच मिटाऐ।
एक होली ऐसी भी.....।

नीरज खुल्बै 'प्रेमी'
रचना तिथि
10-03-2020

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24 NOV 2019 AT 20:44

विसाल-ए-यार की तड़प,तेरे शहर में आने का सबब बनी,
हमारी हिज्र के किस्से मगर अब भी चार सूं हैं।।।।

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24 NOV 2019 AT 20:42

विसाल-ए-यार की तड़प,तेरे शहर में आने का सबब बनी,
पर हिज्र के किस्से अब भी वहीं चार सूं हैं।।।।

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23 AUG 2019 AT 8:00

आदौ देवकी देव गर्भजननम्,गोपीगृहे वर्धनम्,मायापूतनजीवितापहरणं,
गोवर्धनोधारणं,कंसच्छेदनम्,
कौरवादिहननं,कुन्तीसुतापालनम्,
एतद्भागवत पुराण कथितम् श्रीकृष्णलीलामृतम्।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
🙏🙏🙏
नीरज खुल्बै'प्रेमी'

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