आँखे देख तेरी यूँ क़ायल हो जाता हूँ
दीदार कर तेरा मैं घायल हो जाता हूँ
सुना है तू पैरो पे रखती है मुझ जैसे आशिक कई
तो चल आज से मैं तेरे पैरों का पायल हो जाता हूँ
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आग सी लगी है दिल में
बुझाए नही बुझती है
कुछ यादें हैं उसकी मिटा
दो कोई मिटाएं नही मिटती हैं-
आज किसी ने फिर तेरी याद दिला दी
इश्क की आग कुछ पलों के लिए फिर से जला दी
बस कुछ सब्दो का ही फासला रह गया था
ये दिल फिर बरबाद होने जा ही रहा था
सुकर है भगवान वो आंसुओ से भरी मेरी आंख नजर आ गई
उन भरी आंखों के आंसू ने सारी आग भुझा दी
जिसने दिलाई तेरी याद उसे भी चार गाली सुना दी-
बादल से बरसता ये बेतोड़ पानी
इशारा दे रहा है कि वर्षा ऋतु लौट आयी है
मेरे आंखों से भी बेतोड़ पानी बरस रहा है
क्या ये भी इस बात का इशारा है कि
तुम भी लौट आओगी !
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उसकी तस्वीर को देखते देखते
सुबह को शाम कर दिया
और वो कहती है आजकल दिन बड़े हैं
इसलिए तुम्हे फ़ोन कर लिया।
😊😊-
ये जो फांसले हमारे बीच आ गए हैं
ये मिट तो जाएंगे ना।
किसी ओर को तुम्हारे
पास तो नही लाएंगे ना।
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अक्सर बोल देता हूँ की तुझसे अब कोई वास्ता नहीं
पर न जाने क्यों अभी भी तेरी फ़िक्र करता हूँ।
वैसे इश्क से तो अब भरोसा ही उठ गया है
लेकिन कोई पूछ ले की इश्क क्या है तो अभी भी तेरा जिक्र करता हूँ
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अक्सर वो सितारा जिसे हम देखा करते हैं!
ना जाने बदलो में कँही छुप जाता है!
या फिर हमसे नजरे चुराना चाहता है
या है, ये कोई इशारा जो ये बता रहा है!
की वो सितार अब तुम्हारा नहीं है
अब वो किसी और का होने जा रहा है!-
इश्क में तेरे कुछ इस तरह बेताब थे हम
तुझे हांसिल करने के लिए अपनो के खिलाफ थे हम
तूने तो ठुकरा दिया मेरे प्यार को पर अपनो का साथ रहा
सायद इसलिए ना चाहकर भी मैं हमेशा आबाद रहा.......
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काश मैं भी उतर पता तेरे दिल में
यूँ सूरज समाता है पानी में
काश मैं भी समा जाता इसी पानी में-