कभी तस्वीर झलकती थी जिस नजर में उसी नजर से नजरअंदाज करते हो आजकल
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neeraj Jalotra
(driedroseindiary(nannu))
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trying to be a good writer
Joined 8 July 2020
23 MAR 2022 AT 20:30
8 MAR 2022 AT 8:37
हो सकता है साहिल पे मुक़ाम कोई और हो
तू कश्ती है शायर तुझसे वास्ता सिर्फ दरया तक का है-
6 MAR 2022 AT 6:49
हुनर का दौर अब कहाँ रहा
निगाहें ज़माने की आजकल गंदगी पर टिकी हुई हैं-
2 MAR 2022 AT 20:06
मुलाकातें हरगिज़ ना रोकिए
रिश्ते जिंदा रखने को मेल मिलाप ज़रूरी है-
21 FEB 2022 AT 12:45
हर रिश्ते हर बात का एक दौर है
जरूरी नहीं जो कल तक गले लगते थे वो आज भी हो
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21 FEB 2022 AT 12:45
हर रिश्ते हर बात का एक दौर है
जरूरी नहीं जो कल तक गले लगते थे वो आज भी हो
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21 JAN 2022 AT 23:12
हुलिया देख कर गले मिलने वाले हालात देख कर अक्सर मुह फ़ेर लेते हैं
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27 NOV 2021 AT 8:43
अकेली नहीं हैं तेरी याद मुझे सताने वाली
उसके संग चलता रुस्वाई, तन्हाई और बेकरारी का कारवाँ है
उम्र ढलती जा रही है मेरी मगर यह चारों आज भी जवां हैं-