वह रंग लहराता खूनों से ,
जहां जवानों ने भी बलिदान दिया।
इस धरती की कसौटी पे ,
हर घर में वीर ने जनन लिया।
माटी को तिलक लगाकर ,
वीरों ने जो है कर्म किया,
देख हमारे तिरंगे को,
इसने भी हमें जुनून दिया।
याद रहे यह तिरंगा भी,
जो कफनौ से लहराता है,
इस धरती की मातृ भूमि पे,
हर बेटा जवान कहलाता है।
कह गए हमारे वीरों ने,
हर खून का कर्ज चुकाना है,
लिए दिल में प्यार - स्नेह ,
हर लोगों में बसाना है।
मां की ममता और मिट्टी की पुकार,
वीरों को ना सोने दिया,
डट खड़े रहे वो तूफानों से,
इस तिरंगे को ना झुकने दिया।।
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