पसंदीदा मर्द की जुबां से
गैर औरत का ज़िक्र,
मौत से बदतर हैं।
💔💔💔-
Hm Dard -e- Mahobbat likhte hai,
Aur log hme Shayr kehte hai...
पसंदीदा मर्द की जुबां से
गैर औरत का ज़िक्र,
मौत से बदतर हैं।
💔💔💔-
वो तितली की तरह आया ,
दिल बाग़ कर गया ।
मेरे जितने नापाक थे इरादे ,
सब पाक कर गया ।-
कायदा-ए- इश्क़ भी अज़ीब हैं।
जो दर्द-ए-दिल दे रहा वो ही अज़ीज़ है।-
हकीकत या ख़्वाब ।
तेरा मिल कर भी न मिलना ,
क्या अज़ीब इत्तेफ़ाक !-
उसे सब कुछ पसंद हैं मेरे सिवा,
मुझे कुछ भी पसंद नहीं हैं उसके सिवा ।-
कायदा-ए-इश्क़ भी अज़ीब हैं।
जो दर्द-ए-दिल दे रहा,
वो ही अज़ीज़ है।-