दर्द भी गुमराह है आज कल जमाने में,हंसते चेहरे पे नज़र आ रहा है रोते चेहरे को नजरंदाज करके।©®नीलेश शुक्ला "अनन्य" -
दर्द भी गुमराह है आज कल जमाने में,हंसते चेहरे पे नज़र आ रहा है रोते चेहरे को नजरंदाज करके।©®नीलेश शुक्ला "अनन्य"
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मेरी डायरी # #002नहीं बदलता तो सिर्फ तुम्हारे वापस आने का ख्याल......एक शाम जो तेरे होने का हमेशा अहसास दिलाती है मुझको,हमेशा ऐसा लगता है अब मन शांत होकर मेरे निश्चल प्रेम को समझ कर लौट आने पर तुमको विवश कर देगा।पंरतु हर बार की तरह मन उदास होकर,आने की उम्मीद खोकर,सपनों में तुमको तलाशने लगता है और शरीर सुसुप्त होकर बिस्तर पर सो जाता है।दिन निकलते ही यादों की आपाधापी में मन फिर उम्मीदों के शहर में निकल जाता है।और यह प्रयास दिनोंदिन से चलते चलते महीनों और फिर वर्षों के इंतजार में बदल जाता है।मन की नीरसता,विचारों की विवशता और तेरी मोहब्बत में डूबे हम अभी तक दुनिया में बहुत कुछ बदल गया लेकिननहीं बदलता तो सिर्फ तुम्हारे वापस आने का ख्याल......©® नीलेश शुक्ला अनन्य -
मेरी डायरी # #002नहीं बदलता तो सिर्फ तुम्हारे वापस आने का ख्याल......एक शाम जो तेरे होने का हमेशा अहसास दिलाती है मुझको,हमेशा ऐसा लगता है अब मन शांत होकर मेरे निश्चल प्रेम को समझ कर लौट आने पर तुमको विवश कर देगा।पंरतु हर बार की तरह मन उदास होकर,आने की उम्मीद खोकर,सपनों में तुमको तलाशने लगता है और शरीर सुसुप्त होकर बिस्तर पर सो जाता है।दिन निकलते ही यादों की आपाधापी में मन फिर उम्मीदों के शहर में निकल जाता है।और यह प्रयास दिनोंदिन से चलते चलते महीनों और फिर वर्षों के इंतजार में बदल जाता है।मन की नीरसता,विचारों की विवशता और तेरी मोहब्बत में डूबे हम अभी तक दुनिया में बहुत कुछ बदल गया लेकिननहीं बदलता तो सिर्फ तुम्हारे वापस आने का ख्याल......©® नीलेश शुक्ला अनन्य
Nnnnnn -
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प्रेम में,वेदना निहित है।हर किसी के लिए यह संभव नहीं। -
प्रेम में,वेदना निहित है।हर किसी के लिए यह संभव नहीं।
हर दफा खाक हुए है तेरी यादों में हम,यूं बेवजह बेजार से नहीं रहते दिन हमारे। -
हर दफा खाक हुए है तेरी यादों में हम,यूं बेवजह बेजार से नहीं रहते दिन हमारे।
उम्मीदों के कई ख़्वाब दफन है मेरी इन आंखों में,जब भी देखोगे मैं हर बार से ज्यादा हसीन नजर आऊंगा। -
उम्मीदों के कई ख़्वाब दफन है मेरी इन आंखों में,जब भी देखोगे मैं हर बार से ज्यादा हसीन नजर आऊंगा।
बहुत ज्यादा तमाशे बनाए है तूने ऐ जिंदगी!थोड़ा सुकून क्या मांगा तूने जमाने के उलझने दे दी। -
बहुत ज्यादा तमाशे बनाए है तूने ऐ जिंदगी!थोड़ा सुकून क्या मांगा तूने जमाने के उलझने दे दी।
चाहत दिल में हो तो निगाहें पहरा देती है।बेवफाई के दौर में ये दर्द गहरा देती है।मत करना किसी से बेपनाह मोहब्बत यारों,भरी महफिल में तन्हाइयों का सेहरा देती है। -
चाहत दिल में हो तो निगाहें पहरा देती है।बेवफाई के दौर में ये दर्द गहरा देती है।मत करना किसी से बेपनाह मोहब्बत यारों,भरी महफिल में तन्हाइयों का सेहरा देती है।
Hello कैसे है आप सभी -
Hello कैसे है आप सभी
बहुत रात तक जागा फिर कभी सो नहीं पाया।वो मेरा ख्वाब था जो कभी रो नहीं पाया।जिंदगी गुजरती रही तेरी आने के इंतजार में,तुझे पाने की ख्वाहिश में किसी का हो नहीं पाया।आज मिल गया जिंदगी के किसी अनचाहे मोड़ पे,चाहत तो बहुत हुई मगर कुछ कह नहीं पाया।हर रोज यादों की बारिश में भीगता रहा दिल मेरा,तेरी बेरुखी की तपन ये दिल बेचारा सह नहीं पाया।है गुजारिश मोहब्बत में जरा एतिहात रखना यारों,बेवफाई के दौर में वफाई कोई कर नहीं पाया।©®नीलेश शुक्ला अनन्य -
बहुत रात तक जागा फिर कभी सो नहीं पाया।वो मेरा ख्वाब था जो कभी रो नहीं पाया।जिंदगी गुजरती रही तेरी आने के इंतजार में,तुझे पाने की ख्वाहिश में किसी का हो नहीं पाया।आज मिल गया जिंदगी के किसी अनचाहे मोड़ पे,चाहत तो बहुत हुई मगर कुछ कह नहीं पाया।हर रोज यादों की बारिश में भीगता रहा दिल मेरा,तेरी बेरुखी की तपन ये दिल बेचारा सह नहीं पाया।है गुजारिश मोहब्बत में जरा एतिहात रखना यारों,बेवफाई के दौर में वफाई कोई कर नहीं पाया।©®नीलेश शुक्ला अनन्य