मेरा परेसां होना प्यारा है उन्हें
यूं हाल छुपाना गवारा है उन्हें
जवाब ना देके, सवाल बढ़ाती
क्या हम लगते आवारा है उन्हें
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तुम्हारा दिया हुआ गुलाब
आज फिर से महक उठा,,
मूक बना था जो मन मेरा
आज फिर से चहक उठा,,
बहुत दिन बाद उसका,
नाम कानों में क्या पड़ा,,
बुझा हुए अंगारा याद का,
आज फिर से दहक उठा।-
तुम्हारी इजाजत तो नहीं,
मैं एकतरफा प्यार करूं
इसमें बगावत तो नहीं,,
अम्बर जमीं चूमता है
बरखा से धरा के प्रेम में,
मैं हीर की गलियों से गुजरूं
इसमें कोई आफत तो नहीं।-
है
मैं उसकी खुश्बू सा भर जाऊं
तेरी अाहों के जाने से पहले
मैं उस में समा मर जाऊं-
हमारा साथ रास्ते से परे है
हम तुमको अकेला नहीं करेगे,
जब कभी हमसे मिलना हो
बस छत पर आ जाना तुम
हम चांद से तुम्हें हर शाम मिलेंगे,
जब दिल को हमें छूने का मन करे
हवा को महसूस कर लेना
हम तुम्हारा झुमका लहराते चलेंगे,-
आंखे नहीं भरती
उनसे कैसे बात करें
वर्षों से थी आस लगी
दो पल में ही कैसे
हम पूरी मुलाकात करें।-
तेरी आंखों के ख्वाबों को
अपनी आंखों में बसाना है
धडकनों की आहट बताए
तुम्हारे दिल का हाल हमको
और तुम्हारी खामोशी में
आंखों से राज चुराना है
कभी मिलों वक़्त लेकर
तुझ संग प्रीत सजाई है
उसकी बात बताना है-
मेरे दर्द की दवा लाओ
सांसों की हवा लाओ
पपीहा सा तड़पता हूं
चकोर सा भटकता हूं
वो बारिश का पानी
शुकूं की सबा लाओ
जिसे देख चेहरा खिल जाए
जमीं का चांद मरहबा लाओ-
लड़ना झगड़ना अपना रोज का किस्सा,
पर बाद में माफी तकरार होने नहीं देती।
मेरी उदासी का आलम क्या बताऊं यारों,
उनकी ये नाराजगी मुझे सोने नहीं देती।।-