Neelam Sharma   (Neelam sharma)
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Teaching and learning
Joined 23 June 2019


Teaching and learning
Joined 23 June 2019
14 SEP 2021 AT 14:18

जो जीवन में भाव जगाए,
गीत,कविता,कथा बनाए
चिंतन को सुविचार बनाए।
ऐसी अपनी प्यारी हिन्दी।।
रस,छन्द औ, अलंकार सजे हो,
भाव,गुण, लक्षण भी सजे हो
भाव,संस्कार गीतों में गुँथे हो।
ऐसी अपनी प्यारी हिन्दी ।
52,वर्णों की न्यारी हिन्दी ।।

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5 JUL 2021 AT 12:32

कुछ नया कर,न किसी से डर
हौंसला रख पर ,चल मगर।
कुछ---------------------।
जब सही है पथ,तो कैसा डर
कोई संग न चले ,तो अकेला चल।
अब क्या है डर, कुछ नया कर।
कुछ--------------------।
हौंसलों से उड़ रहा,मन पंछी बन,
मन पंछी बन अब कैसा डर।
कुछ-----------------------।

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3 JUL 2021 AT 7:50

काँटों से मत डरना मन
काँटे ही हैं जीवन सम्बल ।
काँटो------------------।
काँटे हैं तो कदम बढ़े ,
काँटे हैं तो फूल खिले ।
काँटे ही तो दर्द सहते।
काँटे ही लक्ष्य का सम्बल
काँटो-------------।
काँटे हैं तो दृढ़ता मिलती,
काँटो पर न शत्रु की चलती,
फूल से कोमल काँटे से कठोर
चलते रहो तो कभी न डर।
काँटो----------------।

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17 JUN 2021 AT 7:56

मेरा गर्व अभिमान हैं पापा,
जीवन मे सम्मान हैं पापा ,
लड़की- लड़के में कोई भेद नहीं
सन्तान के लिए बस स्नेह सुरक्षा
आगे बढ़ने का प्रेरक मान हैं पापा ।
मेरा-----------------------
लोग कहें कि छोड़ गए हैं पापा ,
पर,मेरी बहनों, मेरी माँ है पापा,
सबसे बड़ा दृढ़ विश्वास है यह,
हरदम रहते आस-पास हैं पापा ।
मेरा-------------------।

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12 JUN 2021 AT 22:38

आज अपनी ताकत ,तुमको बताती हूँ,
हूँ कैसी आचार्या, इक पहचान बताती हूँ।
नन्हें बच्चों के संग , मैं हँसती जाती हूँ,
उनके दिए निक नाम पर ,मैं खूब इतराती हूँ।
आज---------------------------।
इन बच्चों के सवाल ही,मुझको आगे बढ़ाते हैं,
इनके हँसते चेहरे ही ,मुझको पढ़ाना सिखाते हैं ।
बच्चे बनते पहचान मेरी ,इन्हें याद करती जाती हूँ ।
आज-------------------------।

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9 JUN 2021 AT 22:15

ओ प्यारे मन,कुछ तो नया कर
जब जब डर डराए कुछ तो नया कर ।
हर कोई नहीं बने अपना,खुद से प्यार कर,
ओ प्यारे------------------।
हर पल बनो तूफानी,नया नया ही बन ,
जब जब रोके जग की बातें ,दृढ़ता से तू लड़
हर पल जीवन के ,बस तूफानी करता चल ।
ओ प्यारे

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9 MAY 2021 AT 20:14

मैं माँ हूँ, धरती सी सहनशील,
गगन सी असीम,जल सी तरल,
पर,एकदिन का सम्मान नहीं,
पर मीडिया का सम्मान नहीं।
चाहती हूँ बच्चों के जीवन में घुलना,
पग-पग पर संग संग चलना छाया देना,
एक क्षण का संग जो मरने के बाद भी जुड़े
जुड़े अनन्त तक टूटे न कभी तक,बस--
मैं माँ---------------।

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6 MAY 2021 AT 8:09

कौन सुने फरियाद,आज में किसको कर लूँ याद,
सभी तो छोड़ मुझे अब जाने लगे,
मेरा सब्र आजमाने लगे।
भाई गए, अब बहिना गई
जग हो गए वीराने लगे ।
कौन----------- --------- ।
सुना अम्बर सूनी जमीं,
मन के सूनेपन खाने लगे।
पल -पल हमें आजमाने लगे।
कौन

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20 APR 2021 AT 11:33

भरोसा रखो,यह समय भी,
एक दिन चला जाएगा।
आसमान में छिपा सूर्य,
फिर से चमक दिखाएगा।
भरोसा---------------।
क्या हुआ जो अपने दूर जा रहे,
क्या हुआ जो काले बादल छा रहे
क्या हुआ जो मन अकेला पा रहा।
भरोसा रखो-फिर से आँगन गाएगा।।
भरोसा----------------------।।

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19 APR 2021 AT 11:13

हम गीता के विश्वासी जन,
न जाने कहाँ अब बसने लगे हैं।
जन्म -मरण को माने अटल जो,
वे वेदनाओं से बचने लगे हैं ।।
हम------------------।
स्नेह प्रेम से पगे पले हम,
संग साथ ले संग चले हम,
आज संग साथियों से बचने लगे हैं ।
हम------- --------- -----।

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